सूरदास का साहित्यिक परिचय

सूरदास का साहित्यिक परिचय: वैसे तो हिंदी की काव्य उद्यान कितने ही रंग-बिरंगे और सुगंधित फूल खिले किंतु जैसा सौरभ सूरदास की रचनाओं का है , वैसा और किसी भी कवि की रचनाओं का नहीं है. इसलिए किसी सहृदय आलोचक ने ' सूर- सूर, तुलसी- शशि 'कहकर

प्रेमचंद का साहित्यिक परिचय

प्रेमचंद का साहित्यिक परिचयप्रेमचंद जी का जन्मप्रेमचंद की शिक्षाप्रेमचंद जी के अन्य दायित्वप्रेमचंद का अर्थ जीवनप्रेमचंद के साहित्यिक जीवनप्रेमचंदजी प्रसिद्धि के कारणप्रेमचंदजी का मुख्य वर्ण्य विषय मुंशी प्रेमचंद हिन्दी भाषा के

हिंदी का प्रथम कवि किसे माना जाए?

हिंदी का प्रथम कवि किसे माना जाए? इसे अलग अलग भाषाशास्त्री में अलग अलग मत है :- डॉ शिव सिंह सेंगर के अनुसार, सातवीं सदी में उत्पन्न ‘पुष्य’ या ‘पुंड’ नामक किसी कवि को हिंदी का प्रथम कवि माना था. परंतु अभी तक उसकी कोई रचना उपलब्ध नहीं

अष्टछाप के कवि

आठों ब्रजभूमि के निवासी थे और श्रीनाथजी के समक्ष गान रचकर गाया करते थे। उनके गीतों के संग्रह को "अष्टछाप" कहा जाता है, जिसका शाब्दिक अर्थ आठ मुद्रायें है। उन्होने ब्रजभाषा में श्रीकृष्ण विषयक भक्तिरसपूर्ण कविताएँ रचीं। उनके बाद सभी कृष्ण

हिंदी साहित्य का आरंभ

हिंदी साहित्य के आरंभ का प्रश्न हिन्दी भाषा के आरंभ से जुड़ा हुआ है. साहित्य के आरंभ का निर्णय 'साहित्य की चेतना के आधार पर भी किया ही जा सकता है . भाषा के विकास की आरंभिक स्थिति तथा उत्तरवर्ती धार्मिक चेतना के मूल रूप को ध्यान में

हिंदी साहित्य का इतिहास दर्शन

साहित्य के इतिहास में हम प्राकृतिक घटनाओं व मानवीय क्रियाकलापों के स्थान पर साहित्यिक रचनाओं का अध्ययन ऐतिहासिक दृष्टि से करते हैं . इतिहास का अर्थ एवं स्वरूपइतिहास दर्शन की रूपरेखा भारतीय दृष्टिकोण पाश्चात्य दृष्टिकोणसाहित्य का

संत काव्य

ज्ञानाश्रयी शाखा/संत काव्य:- संत काव्य के प्रतिनिधि कवि कबीर है 'संत काव्य' का सामान्य अर्थ है संतों के द्वारा रचा गया काव्य। लेकिन जब हिन्दी में 'संत काव्य' कहा जाता है तो उसका अर्थ होता है निर्गुणोपासक ज्ञानमार्गी कवियों के

राम भक्ति काव्य धारा

हिन्दी साहित्य का भक्तिकाल राम भक्ति काव्य धारारामाश्रयी शाखा/राम भक्ति काव्य:-राम भक्ति काव्य की विशेषताएँ :राम भक्ति काव्य और उनके रचनाकार रामाश्रयी शाखा/राम भक्ति काव्य:- राम भक्ति काव्य के प्रतिनिधि कवि तुलसी दास हैं।

हिंदी साहित्य के दर्शन

यहाँ पर हिंदी साहित्य के प्रमुख दर्शन के बारे में बताया गया है हिंदी साहित्य के दर्शन सांख्यकपिलयोगपतंजलिन्यायअक्षपाद गौतमवैशेषिकउलूक कणदमीमांसा/पूर्व-मीमांसाजैमिनीवेदांत/उत्तर मीमांसाबादरायणलोकायत/बार्हस्पत्यचार्वाक (बृहस्पति