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April 2022

  शबरपा का साहित्यिक परिचय

शबरपा सिद्ध साहित्य की रचना करने वाले प्रमुख सिद्धों में से एक हैं। इनका जन्म 780 ई॰ में क्षत्रिय कुल में हुआ था। इन्होंने सरहपा से ज्ञान प्रप्त किया। शबरों की तरह जीवन व्यतीत करने के कारण इन्हें शबरपा कहा जाने लगा। इनकी प्रसिद्ध पुस्तक

पद्माकर का साहित्यिक परिचय

रीति काल के ब्रजभाषा कवियों में पद्माकर (1753-1833) का महत्त्वपूर्ण स्थान है। वे हिंदी साहित्य के रीतिकालीन कवियों में अंतिम चरण के सुप्रसिद्ध और विशेष सम्मानित कवि थे। पद्माकर के पिता मोहनलाल भट्ट सागर में बस गए थे। यहीं पद्माकर जी का

कृष्णदास का साहित्यिक परिचय

कृष्णदास हिन्दी के भक्तिकाल के अष्टछाप के कवि थे। उनका जन्म 1495 ई. के आसपास गुजरात में चिलोतरा ग्राम के एक कुनबी पाटिल परिवार में हुआ था। बचपन से ही प्रकृत्ति बड़ी सात्विक थी। जब वे 12-13 वर्ष के थे तो उन्होंने अपने पिता को चोरी करते

भूषण का साहित्यिक परिचय

महाकवि भूषण का जन्म संवत 1670 तदनुसार ईस्वी 1613 में हुआ। वे मूलतः टिकवापुर गाँव के निवासी थे जो वर्तमान में उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के घाटमपुर तहसील में पड़ता है। उनके दो भाई चिन्तामणि और मतिराम भी कवि थे। 'शिवराज भूषण' ग्रंथ के

चतुर्भुजदास का साहित्यिक परिचय

चतुर्भुजदास, कुम्भनदास के पुत्र और गोस्वामी विट्ठलनाथ के शिष्य थे। डा ० दीन दयाल गुप्त के अनुसार इनका जन्म वि ० सं ० 1520 और मृत्यु वि ० सं ० 1624 में हुई थी। इनका जन्म जमुनावती गांव में गौरवा क्षत्रिय कुल में हुआ था। वार्ता के अनुसार

छीतस्वामी का साहित्यिक परिचय

छीतस्वामी वल्लभ संप्रदाय (पुष्टिमार्ग) के आठ कवियों (अष्टछाप कवि) में एक। जिन्होने भगवान श्री कृष्ण की विभिन्न लीलाओं का अपने पदों में वर्णन किया। छीतस्वामी का जन्म इनका जन्म १५१५ ई० में हुआ था। मथुरा के चतुर्वेदी ब्राह्मण थे।

परमानन्द दास का साहित्यिक परिचय

परमानन्ददास वल्लभ संप्रदाय (पुष्टिमार्ग) के आठ कवियों (अष्टछाप कवि) में एक कवि जिन्होने भगवान श्री कृष्ण की विभिन्न लीलाओं का अपने पदों में वर्णन किया। परमानन्द दास का जन्म इनका जन्म काल संवत 1606 के आसपास है। अष्टछाप के कवियों में

  हेमचन्द्र का साहित्यिक परिचय

हेमचन्द्र का साहित्यिक परिचय आचार्य हेमचंद्रका जन्म गुजरात में अहमदाबाद से १०० किलोमीटर दूर दक्षिण-पश्चिम स्थित धंधुका नगर में विक्रम संवत ११४५ के कार्तिकी पूर्णिमा की रात्रि में हुआ था। मातापिता शिवपार्वती उपासक मोढ वंशीय

अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध का साहित्यिक परिचय

अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध का साहित्यिक परिचय अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध' (15 अप्रैल, 1865-16 मार्च, 1947) हिन्दी के कवि, निबन्धकार तथा सम्पादक थे। उन्होंने हिंदी साहित्य सम्मेलन के सभापति के रूप में कार्य किया। वे सम्मेलन द्वारा

शारंगधर का साहित्यिक परिचय

शारंगधर का साहित्यिक परिचय शारंगधर अच्छे कवि और सूत्रकार थे। इन्होंने 'शारंगधर पद्धति' के नाम से एक सुभाषित संग्रह भी बनाया है । शारंगधर का आयुर्वेद का ग्रंथ प्रसिद्ध है। रणथंभौर के सुप्रसिद्ध वीर महाराज हम्मीरदेव के प्रधान