काव्य हेतु

हिन्दी काव्यशास्त्र

काव्य हेतु से तात्पर्य काव्य की उत्पत्ति का कारण है। बाबू गुलाबराय के अनुसार ‘हेतु’ का अभिप्राय उन साधनों सेे है, जो कवि की काव्य रचना में सहायक होते है। काव्य हेतु पर सर्वप्रथम् ‘अग्निपुराण ‘ में विचार किया गया है।काव्य हेतु पर विभिन्न आचार्यो के मत इस प्रकार है- काव्य हेतु आचार्य भामह का … Read more

वाक्यांश या अनेक शब्दों के लिए एक शब्द

हिंदी व्याकरण

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रस के अवयव

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रस के अवयव :-                  रस के चार अवयव है- (1)स्थायी भाव :-                   प्रत्येक मनुष्य के हृदय में कुछ न कुछ भाव अवश्य रहते है तथा वे कारण पाकर जागृत होते है ।उदाहरण -प्रत्येक मनुष्य के चित्त में प्रेम, दुःख, … Read more

रस निष्पत्ति 

Ras-ke-ang

रस निष्पत्ति काव्य को पढ़कर या सुनकर और नाटक को देखकर सहृदय स्रोता पाठक या सामाजिक के चित्त में जो लोकोत्तर आनंद उत्पन्न होता है, वही रस है।     भरतमुनि को रस सम्प्रदाय का प्रवर्तक माना जाता है। भरतमुनि द्वारा रचित नाट्यशास्त्र में जो रस सूत्र है वह इसप्रकार है-  ‘विभावानुभावव्यभिचारिसंयोगाद्रसनिष्पत्ति’ भरतमुनि अर्थात विभाव, अनुभाव … Read more

हिन्दी की महिला उपन्यासकार एवं उपन्यास

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हिन्दी की महिला उपन्यासकार एवं उपन्यास निम्नांकित हैं- उषा प्रियंवदा (1) पचपन खम्भे लाल दीवारें (1961), (2) रुकोगी नहीं राधिका (1967), (3) शेषयात्रा (1984), (4) अंतर्वशी (2000), (5) भए कबीर उदास (2007)। चन्द्रकिरण सौनरेक्सा (1) चंदन चाँदनी (1962), (2) वंचिता (1972) कृष्णा सोबती  (1) मित्रो मरजानी (1967), (2) सूरजमुखी अँधेरे के (1972), (3) जिन्दगीनामा (1979), … Read more

हिंदी डायरी साहित्य 

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हिन्दी डायरी विद्या का प्रवर्तन श्री राम शर्मा कृत ‘सेवाग्राम की डायरी’ (1946) से माना जाता है। हिंदी डायरी साहित्य  हिन्दी डायरी लेखक व डायरी निम्नलिखित हैं- लेखक डायरी घनश्यामदास बिड़ला डायरी के पन्ने धीरेंद्र वर्मा मेरी कालिज डायरी (1954) सुन्दरलाल त्रिपाठी दैनंदिनी सियारामशरण गुप्त दैनिकी उपेन्द्रनाथ ‘अश्क’ ज्यादा अपनी कम परायी (1959) हरिवंश राय … Read more

हिन्दी के प्रमुख उपन्यास और उनके प्रमुख पात्र

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हिन्दी के प्रमुख उपन्यास हिन्दी के प्रमुख उपन्यास और उनके प्रमुख पात्र कालक्रमानुसार निम्न हैं- उपन्यास वर्ष पात्र सेवासदन 9998 सुमन, गजाधर, कृष्णचन्द्र, पद्मसिंह, शान्ता रंगभूमि 9925 सूरदास, सोफिया, भरतसिंह, महेन्द्र कुमार, विनय, सुभागी, जनसेवक, इन्दु, जाह्नवी, मिठुआ, ताहिर अली। कंकाल 9929 विजय, तारा (यमुना), मंगल, देवनिरंजन, बाथम, किशोरी, रामा, घण्टी गबन 9939 जालपा, रामनाथ, … Read more

अंधा युग गीतिनाट्य का कथासार

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अंधा युग गीतिनाट्य का कथासार स्थापना- स्थापना के अन्तर्गत नाटककार ने मंगलाचरण, उद्घोषणा और अपनी कृति के वर्ण्य विषय का उल्लेख किया है। उद्घोषणा में उसने बताया है कि प्रस्तुत कृति का वर्ण्य विषय विष्णु पुराण से लिया गया है, जिसमें भविष्यवाणी करते हुए लिखा है कि उस भविष्य में सब लोग तथा उनके धर्म-अर्थ … Read more

उसमान जी का साहित्यिक जीवन परिचय

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उसमान जी का साहित्यिक जीवन परिचय ये जहाँगीर के समय में वर्तमान थे और गाजीपुर के रहनेवाले थे. इनके पिता का नाम शेख हुसैन था और ये पाँच भाई थे. ये शाह निजामुद्दीन चिश्ती की शिष्य परंपरा में हाजीबाबा के शिष्य थे. उसमान ने सन् 1613 ई. में ‘चित्रावली’ नाम की पुस्तक लिखी. पुस्तक के … Read more

शेख नवी का साहित्यिक जीवन परिचय

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शेख नवी का साहित्यिक जीवन परिचय ये जौनपुर जिले में दोसपुर के पास मऊ नामक स्थान के रहने वाले थे और सन् 1619 में जहाँगीर के समय में वर्तमान थे. शेख नवी जी की रचनाएँ इन्होंने ‘ज्ञानदीप’ नामक एक आख्यान काव्य लिखा, जिसमें राजा ज्ञानदीप और रानी देवजानी की कथा है. कृतियाँ — 1. ज्ञानदीप … Read more

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