श्रीधर पाठक (1859-1927) –

श्रीधर पाठक, खड़ी बोली के प्रथम समर्थ कवियों में से एक थे। उनके जीवन, रचनाओं और हिंदी साहित्य में उनके योगदान के बारे में जानें। श्रीधर पाठक, हिंदी साहित्य के एक ऐसे रत्न थे जिन्होंने खड़ी बोली को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया। आगरा जिले के जोंघरी गाँव में जन्मे श्रीधर पाठक ने ‘सरस्वती’ पत्रिका […]

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नाथूराम शर्मा ‘शंकर’ (1859-1932)

नाथूराम शर्मा ‘शंकर’ एक प्रसिद्ध हिंदी कवि थे जिन्होंने देश-प्रेम, समाज सुधार और हिंदी भाषा के विकास के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस लेख में हम उनके जीवन, कृतित्व और साहित्यिक योगदान के बारे में विस्तार से जानेंगे। नाथूराम शर्मा ‘शंकर’: एक संक्षिप्त परिचय नाथूराम शर्मा ‘शंकर’ का जन्म 1859 में हरदुआगंज, जिला अलीगढ़ में

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प्रतापनारायण मिश्र

प्रतापनारायण मिश्र, हिंदी साहित्य के एक प्रमुख कवि और निबंधकार थे। ‘ब्राह्मण’ पत्रिका के संपादक रहे मिश्र जी ने प्रेम, समाज और राजनीति पर अनेक सार्थक रचनाएँ लिखीं। इस लेख में हम उनके जीवन, कृतित्व और हिंदी साहित्य में उनके योगदान का विस्तृत विश्लेषण करेंगे। हिंदी साहित्य के इतिहास में प्रतापनारायण मिश्र का नाम एक

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बदरीनारायण चौधरी ‘प्रेमघन’

बदरीनारायण चौधरी ‘प्रेमघन’ हिंदी साहित्य के एक प्रमुख कवि थे। भारतेन्दु मंडल के सदस्य, प्रेमघन ने हिंदी और संस्कृत दोनों में रचना की। उनके साहित्य में शृंगार, देशभक्ति और समाज सुधार जैसे विविध विषयों को शामिल किया गया है। इस लेख में हम प्रेमघन के जीवन, कृतित्व और हिंदी साहित्य में उनके योगदान के बारे

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हिंदी साहित्य का इतिहास: एक यात्रा

हिंदी साहित्य का इतिहास सिर्फ एक विषय नहीं, बल्कि एक यात्रा है। इस लेख में हम हिंदी साहित्य के इतिहास के महत्व, उसके उद्देश्यों और समाज पर इसके प्रभाव को विस्तार से समझेंगे। हिंदी साहित्य का इतिहास एक विशाल वृक्ष की तरह है जिसकी जड़ें प्राचीन काल में धंसी हुई हैं और शाखाएँ आज भी

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हिन्दी साहित्य की पूर्व पीठिका :-

हिंदी, भारत की सबसे व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषा है और इसका साहित्य देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का एक अहम हिस्सा है। हिंदी साहित्य की उत्पत्ति प्राचीन काल में हुई थी और तब से यह लगातार विकसित होता रहा है। इस लेख में, हम हिंदी साहित्य के इतिहास, इसकी विभिन्न धाराओं और

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हिंदी शब्द की उत्पत्ति

हिंदी शब्द की उत्पत्ति कैसे हुई? सिंधु शब्द से हिंदू कैसे बना? इस लेख में हम हिंदी शब्द की व्युत्पत्ति के बारे में विस्तार से जानेंगे। हिंदी, भारत की सबसे व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषा है। यह हमारी संस्कृति और इतिहास का एक अभिन्न अंग है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हिंदी

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हरिकृष्ण ‘प्रेमी’ का साहित्यिक जीवन परिचय: हिंदी साहित्य में अद्वितीय योगदान

हरिकृष्ण ‘प्रेमी’ का साहित्यिक जीवन परिचय: हिंदी साहित्य में अद्वितीय योगदान हरिकृष्ण ‘प्रेमी’ हिंदी साहित्य के प्रमुख नाटककार और कवि थे, जिनका साहित्यिक योगदान भारतीय संस्कृति, इतिहास, और राष्ट्रीय चेतना को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण रहा है। प्रेम और विद्रोही दृष्टिकोण का अनोखा मेल उनकी रचनाओं में देखने को मिलता है। उनका साहित्यिक जीवन भारतीय

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सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’: हिन्दी साहित्य के छायावादी युग के महानायक

सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’, हिंदी साहित्य के छायावादी युग के प्रमुख कवि, उपन्यासकार और निबंधकार हैं। उनके जीवन, कृतियों और साहित्य में योगदान के बारे में पढ़ें। सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ का नाम हिंदी साहित्य के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में लिया जाता है। जयशंकर प्रसाद, सुमित्रानंदन पंत और महादेवी वर्मा के साथ निराला ने

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हिंदी साहित्य का वस्तुनिष्ठ प्रश्न

हिंदी साहित्य का वस्तुनिष्ठ प्रश्न आनंदवर्धन ने ध्वनि के कितने प्रकार माने हैं? आनंदवर्धन के अनुसार रीति के चार नियामक कौन-कौन से हैं? अभिनवगुप्त ने ध्वनि के कितने भेद किए हैं? मम्मट ने ध्वनि के शुद्ध भेदों की संख्या कितनी स्वीकार की है? पंडित राज जगन्नाथ ने काव्य के कितने भेद किए हैं? आचार्यों ने

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