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गद्य साहित्य
मनुष्य की सहज एवं स्वाभाविक अभिव्यक्ति का रूप गद्य है। कविता और गद्य में बहुत सी बातें समान हैं। दोनों के उपकरण शब्द हैं जो अर्थ परिवर्तन के बिना एक ही भंडार से लिए जाते है; दोनों के व्याकरण और वाक्यरचना के नियम एक ही हैं (कविता के वाक्यों में कभी कभी शब्दों का स्थानांतरण, वाक्यरचना के आधारभूत नियमों का खंडन नहीं), दोनों ही लय और चित्रमय उक्ति का सहारा लेते हैं। वर्डस्वर्थ के अनुसार गद्य और पद्य (या कविता) की भाषा में कोई मूलभूत अंतर न तो है और न हो सकता है।
अमृतलाल नागर का साहित्यिक परिचय
अमृतलाल नागर का साहित्यिक परिचय
Table of Contents जन्म अमृतलाल नागर के उपन्यासपुरस्कार
जन्म
अमृत लाल नागर का जन्म 17 अगस्त 1916 ई. को गोकुलपुरा, आगरा (उत्तर प्रदेश) में में हुआ। आपके पिता का नाम राजाराम नागर था। आपके पितामह!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
हिंदी उपन्यास का विकास
हिंदी उपन्यास का विकास
हिंदी उपन्यास का आरम्भहिंदी के प्रारंभिक उपन्यासप्रेमचंद पूर्व उपन्यास { प्रथम उत्थान }प्रेमचंद युग { द्वितीय उत्थान }प्रेमचंदोत्तर युग { तृतीय उत्थान }आधुनिकता बोध के उपन्यास { चतुर्थ उत्थान }महिला!-->!-->!-->…
हिन्दी की प्रमुख दलित पत्रिकाएँ ( दलित पत्रकारिता )
Major Dalit magazines of Hindi (Dalit Journalism)
हिंदी कहानी के तत्व
हिंदी कहानी के तत्व
1. कथानककिसी प्रसंग का वर्णन करना इसमें जीवन के केवल एक अंश का वर्णन होता है इसमें किसी घटना का चित्रण भी शामिल होता है|
2. पात्र का चरित्र चित्रणकिसी भी कहानी में कई पात्र होते हैं यद्यपि पात्रों की संख्या सीमित!-->!-->!-->!-->!-->…
हिंदी निबंध का विकास
हिंदी निबंध का विकास
हिन्दी निबन्ध का जन्म भारतेन्दु-काल में हुआ। यह नवजागरण का समय था। भारतीयों की दीन-दुखी दशा की ओर लेखकों का बहुत ध्यान था। पुराने गौरव, मान, ज्ञान, बल-वैभव को फिर लाने का प्रयत्न हो रहा था।
भारतेन्दु युगद्विवेदी!-->!-->!-->!-->!-->…
हिन्दी गद्य के विकास
हिन्दी गद्य के विकास के विभिन्न सोपान
अध्ययन की दृष्टि से हिंदी गद्य साहित्य के विकास को इस प्रकार विभाजित किया जा सकता है। हिन्दी गद्य के विकास को विभिन्न सोपानों में विभक्त किया जा सकता है-
(1) पूर्व भारतेंदु युग(प्राचीन युग): 13!-->!-->!-->!-->!-->…
हिंदी गद्य के आरंभ
हिंदी गद्य के आरंभ
कुछ विद्वान हिंदी गद्य के आरंभ 19वीं सदी से ही मानते हैं जबकि कुछ अन्य हिन्दी गद्य की परम्परा को 11वीं-12वीं सदी तक ले जाते हैं।
हिंदी गद्य के आरंभ को लेकर विद्वानों में मतभेद
आधुनिक काल से पूर्व हिन्दी गद्य की!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
हिन्दी नाटक का विकास
हिन्दी नाटक का विकास
भारतेंदु युग (प्रथम उत्थान) द्विवेदी युग (द्वितीय उत्थान) प्रसाद युग (तृतीय उत्थान )प्रसादोत्तर नाटक (चतुर्थ उत्थान )समकालीन नाटक ( पंचम उत्थान)
आधेअधूरे, अंधा युग और स्कंदगुप्त प्रश्नोत्तरी
आधेअधूरे, अंधा युग और स्कंदगुप्त प्रश्नोत्तरी
१."मैं किसी न किसी अंश में आप में में में से हर एक व्यक्ति हूं" किस नाटक में उद्धृत है? स्कंद गुप्त अंधा युग आधे अधूरे इनमें से कोई नहीं२.अशोक इनमें से किन की तस्वीर नहीं काटी? एलिजाबेथ टेलर!-->!-->!-->…