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- अनुच्छेद लेखन
- भट्टकेदार मधुकर कवि का साहित्यिक परिचय
- जगनिक का साहित्यिक परिचय
- हिन्दी व्याकरण: एकार्थक शब्द
- श्रीकांत वर्मा का साहित्यिक परिचय
- रघुवीर सहाय -अपने समय के आर-पार देखता कवि
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हिंदी साहित्य
हिंदी साहित्य: हिंदी भारत और विश्व में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है। उसकी जड़ें प्राचीन भारत की संस्कृत भाषा में तलाशी जा सकती हैं। परंतु हिन्दी साहित्य की जड़ें मध्ययुगीन भारत की अवधी, मागधी , अर्धमागधी तथा मारवाड़ी जैसी भाषाओं के साहित्य में पायी जाती हैं। हिंदी में गद्य का विकास बहुत बाद में हुआ। हिंदी ने अपनी शुरुआत लोकभाषा कविता के माध्यम से की। हिंदी का आरंभिक साहित्य अपभ्रंश में मिलता है।
भट्टकेदार मधुकर कवि का साहित्यिक परिचय
भट्टकेदार मधुकर कवि (संवत् 1224-1243)-
जिस प्रकार चंदबरदाई ने महाराज पृथ्वीराज को कीर्तिमान किया है उसी प्रकार भट्टकेदार ने कन्नौज के सम्राट जयचंद का गुण गाया है। रासो में चंद और भट्टकेदार के संवाद का एक स्थान पर उल्लेख भी है। भट्टकेदार!-->!-->!-->…
जगनिक का साहित्यिक परिचय
जगनिक का साहित्यिक परिचय (संवत् 1230)
ऐसा प्रसिद्ध है कि कालिंजर के राजा परमार के यहाँ जगनिक नाम के एक भाट थे, जिन्होंने महोबे के दो प्रसिद्ध वीरों-आल्हा और ऊदल (उदयसिंह)–के वीरचरित का विस्तृत वर्णन एक वीरगीतात्मक काव्य के रूप में लिखा!-->!-->!-->…
हिन्दी व्याकरण: एकार्थक शब्द
हिन्दी व्याकरण: एकार्थक शब्द यहाँ कुछ प्रमुख एकार्थक शब्द दिया जा रहा है।
( अ )
अहंकार- मन का गर्व। झूठे अपनेपन का बोध।अनुग्रह- कृपा। किसी छोटे से प्रसत्र होकर उसका कुछ उपकार या भलाई करना।अनुकम्पा- बहुत कृपा। किसी के!-->!-->!-->!-->!-->…
श्रीकांत वर्मा का साहित्यिक परिचय
प्रस्तुत पोस्ट में श्रीकांत वर्मा की भाषा और शिल्पगत विशेषताएँ के बारे में बताया गया है.
रघुवीर सहाय -अपने समय के आर-पार देखता कवि
रघुवीर सहाय -अपने समय के आर-पार देखता कवि
रघुवीर सहाय नयी कविता के महत्वपूर्ण कवियों में से एक हैं। इनकी कविताएं एक्सरे की तरह आने वाले समय का पूर्वाभास कर यथार्थ को बेबाकी से हमारे सामने प्रस्तुत कर देती हैं। इस पोस्ट के अध्ययन के बाद!-->!-->!-->…
हिंदी व्याकरण की परिभाषा,कार्य व विशेषताएं
हिंदी व्याकरण की परिभाषा,कार्य व विशेषताएं :भाषा की संरचना के ये नियम सीमित होते हैं और भाषा की अभिव्यक्तियाँ असीमित। एक-एक नियम असंख्य अभिव्यक्तियों को नियंत्रित करता है। भाषा के इन नियमों को एक साथ जिस शास्त्र के अंतर्गत अध्ययन किया जाता!-->…
कबीरदास जी का साहित्यिक परिचय
कबीरदास का जन्म कैसे हुआ ?
कबीर की उत्पत्ति के संबंध में अनेक प्रकार के प्रवाद प्रचलित हैं। कहते हैं, काशी में स्वामी रामानंद का एक भक्त ब्राह्मण था, जिसकी किसी विधवा कन्या को स्वामीजी ने पुत्रवती होने का आशीर्वाद भूल से दे दिया। फल यह!-->!-->!-->…
तुलसीदास – कवितावली (उत्तरकाण्ड से ) कक्षा 12 हिंदी काव्य खंड
तुलसीदास - कवितावली (उत्तरकाण्ड से ) कक्षा 12 हिंदी काव्य खंड
कवि परिचय
जीवन परिचय-
गोस्वामी तुलसीदास का जन्म बाँदा जिले के राजापुर गाँव में सन 1532 में हुआ था। कुछ लोग इनका जन्म-स्थान सोरों मानते हैं। इनका बचपन कष्ट में बीता।!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
काव्य लक्षण की विशेषताएँ
प्रस्तुत पोस्ट को पढ़ने के बाद आप :
बता सकेंगे कि काव्य की परिभाषा कैसी होनी चाहिए;
संस्कृत आचार्यों के काव्य लक्षण संबंधी मतों का उल्लेख कर सकेंगे;
हिंदी रचनाकारों और आलोचकों द्वारा दी गई काव्य की परिमाषाओं के विषय में बता!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
शब्द शक्ति से तात्पर्य
भारतीय काव्यशास्त्र में शब्द-शक्तियों के विवेचन की एक सुदीर्घ और सुचिंतित परंपरा रही है। आचार्यों ने शब्द और अर्थ-चिंतन की परंपरा में दार्शनिकों के चिंतन के साथ-साथ व्याकरण के आचार्य चिंतन को प्रसंगानुसार ग्रहण किया है।
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