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May 2022

प्रगतिवाद के कवि

प्रगतिवाद के कवि नागार्जुन (1910-1998)केदारनाथ अग्रवाल (1911-2000)रामविलास शर्मा (1912-2000)शिवमंगल सिंह सुमन (1915-2002)त्रिलोचन (1917-2007)मुक्तिबोध (1917-1964)रांगेय राघव (1923-1964)

हिन्दी भाषा का विकास

हिन्दी भाषा का विकास 'हिंदी' विश्व की लगभग 3,000 भाषाओं में से एक है। आकृति या रूप के आधार पर हिन्दी वियोगात्मक या विश्लिष्ट भाषा है। भाषा-परिवार के आधार पर हिन्दी भारोपीय (Indo-European) परिवार की भाषा है। भारत में 4

भाषा के अभिलक्षण

भाषा विज्ञान में भाषा के अभिलक्षण जानने से पहले कुछ बातों को समझने का प्रयास करते हैं । भाषा से आशय है ‘ मनुष्य की भाषा ‘ तथा अभिलक्षण से तात्पर्य है  ‘ विशेषता ‘ या मूलभूत लक्षण ।

हिन्द यूरोपीय भाषा परिवार या भारोपीय परिवार

हिन्द यूरोपीय भाषा परिवार या भारोपीय परिवार हिन्द-यूरोपीय भाषा परिवार या भारोपीय परिवार संसार का सबसे बड़ा भाषा परिवार हैं। हिन्द-यूरोपीय भाषा परिवार में विश्व की सैंकड़ों भाषाएँ और बोलियाँ सम्मिलित हैं। हिन्दी साहित्य

विश्व की भाषाएँ एवं वर्गीकरण

आपस में सम्बंधित भाषाओं को भाषा-परिवार कहते हैं। हिन्दी साहित्य : विश्व की भाषाएँ विश्व की भाषाएँ एवं वर्गीकरण इस समय संसार की भाषाओं की तीन अवस्थाएँ हैं। भाषाओं की तीन अवस्थाएँ विभिन्न देशों की

चन्द्रगुप्त नाटक के पात्र

चन्द्रगुप्त नाटक के पात्र हिन्दी नाटक चाणक्य (विष्णुगुप्त) : मौर्य्य साम्राज्य का निर्माताचन्द्रगुप्त : मौर्य्यःसम्राट्नन्द : मगधःसम्राट्राक्षस : मगध का अमात्यवररुचि (कात्यायन) : मगध का अमात्यशकटार : मगध का मंत्रीआम्भीक : तक्षशिला का

भाषा की उत्पत्ति सिद्धांत (The Origin Theory of Language)

भाषाओं की उत्पत्ति (The Origin Theory of Language) के सम्बन्ध में सबसे प्राचीन मत यह है कि संसार की अनेकानेक वस्तुओं की रचना जहाँ भगवान ने की है । भाषा की उत्पत्ति संस्कृत के भाष शब्द से हुई जिसका अर्थ है बोलना, यानि जब हमने बोलना सीखा उसी

भाषा की परिभाषा ( Definition of language )

भाषा वह साधन है, जिसके द्वारा मनुष्य बोलकर, सुनकर, लिखकर व पढ़कर अपने मन के भावों या विचारों का आदान-प्रदान करता है। दूसरे शब्दों में, जिसके द्वारा हम अपने भावों को लिखित अथवा कथित रूप से दूसरों को समझा सके और दूसरों के भावो को

हिंदी साहित्य के प्रमुख दर्शन और प्रवर्तक

हिंदी साहित्य के प्रमुख दर्शन और प्रवर्तक सांख्य-कपिलयोग-पतंजलिन्याय-अक्षपादगौतम-वैशेषिकउलूक -कणदमीमांसा/पूर्व-मीमांसा-जैमिनीवेदांत/उत्तर मीमांसा-बादरायणलोकायत/बार्हस्पत्य-चार्वाक (बृहस्पति का शिष्य)बौद्ध/क्षणिकवाद-गौतम