Month: May 2022
हिन्दी भाषा का विकास
हिन्दी भाषा का विकास ‘हिंदी’ विश्व की लगभग 3,000 भाषाओं में से एक है। आकृति या रूप के आधार पर हिन्दी वियोगात्मक या विश्लिष्ट भाषा है। भाषा-परिवार के आधार पर हिन्दी भारोपीय (Indo-European) परिवार की भाषा है। भारत में 4 भाषा-परिवार- भारोपीय, द्रविड़, आस्ट्रिक व चीनी-तिब्बती मिलते हैं। भारत में बोलनेवालों के … Read more
भाषा के अभिलक्षण
भाषा विज्ञान में भाषा से आशय है ‘ मनुष्य की भाषा ‘ तथा अभिलक्षण से तात्पर्य है ‘ विशेषता ‘ या मूलभूत लक्षण किसी भी वस्तु के अभिलक्षण हुए हैं जो अन्य सभी प्राणियों की भाषा से उसे अलग करते हैं। भाषा के अभिलक्षण 1 यादृच्छिकता यादृच्छिकता का अर्थ है ‘ जैसी इच्छा ‘ या … Read more
हिन्द यूरोपीय भाषा परिवार या भारोपीय परिवार
हिन्द यूरोपीय भाषा परिवार या भारोपीय परिवार हिन्द-यूरोपीय भाषा परिवार या भारोपीय परिवार संसार का सबसे बड़ा भाषा परिवार हैं। हिन्द-यूरोपीय भाषा परिवार में विश्व की सैंकड़ों भाषाएँ और बोलियाँ सम्मिलित हैं। आधुनिक हिन्द यूरोपीय भाषाओं में से कुछ हैं : हिन्दी, उर्दू, अंग्रेज़ी, फ़्रांसिसी, जर्मन, पुर्तगाली, स्पैनिश, डच, फ़ारसी, बांग्ला, पंजाबी, रूसी, इत्यादि। ये सभी भाषाएँ एक ही आदिम भाषा से निकली है, उसे आदिम-हिन्द-यूरोपीय भाषा का नाम दे … Read more
विश्व की भाषाएँ एवं वर्गीकरण
विश्व की भाषाएँ एवं वर्गीकरण आपस में सम्बंधित भाषाओं को भाषा-परिवार कहते हैं। भाषाओं की तीन अवस्थाएँ इस समय संसार की भाषाओं की तीन अवस्थाएँ हैं। विभिन्न देशों की प्राचीन भाषाएँ जिनका अध्ययन और वर्गीकरण पर्याप्त सामग्री के अभाव में नहीं हो सका है, पहली अवस्था में है। इनका अस्तित्व इनमें उपलब्ध प्राचीन शिलालेखो, सिक्कों और हस्तलिखित पुस्तकों में अभी … Read more
चन्द्रगुप्त नाटक के पात्र
चन्द्रगुप्त नाटक के पात्र चाणक्य (विष्णुगुप्त) : मौर्य्य साम्राज्य का निर्माताचन्द्रगुप्त : मौर्य्यःसम्राट्नन्द : मगधःसम्राट्राक्षस : मगध का अमात्यवररुचि (कात्यायन) : मगध का अमात्यशकटार : मगध का मंत्रीआम्भीक : तक्षशिला का राजकुमार सिंहरण : मालव गणमुख्य का कुमार पर्वतेश्वर : पंजाब का राजा (पोरस)सिकन्दर : ग्रीक विजेताफिलिप्स : सिकन्दर का क्षत्रप मौर्य्य-सेनापति : चन्द्रगुप्त का पिता एनीसाक्रीटीज : सिकन्दर … Read more
भाषा की उत्पत्ति सिद्धांत (The Origin Theory of Language)
भाषाओं की उत्पत्ति (The Origin Theory of Language) के सम्बन्ध में सबसे प्राचीन मत यह है कि संसार की अनेकानेक वस्तुओं की रचना जहाँ भगवान ने की है । भाषा की उत्पत्ति संस्कृत के भाष शब्द से हुई जिसका अर्थ है बोलना, यानि जब हमने बोलना सीखा उसी समय भाषा का भी जन्म हो गया । भाषा की लिखित अभिव्यक्ति … Read more
भाषा की परिभाषा ( Definition of language )
भाषा वह साधन है, जिसके द्वारा मनुष्य बोलकर, सुनकर, लिखकर व पढ़कर अपने मन के भावों या विचारों का आदान-प्रदान करता है। दूसरे शब्दों में, जिसके द्वारा हम अपने भावों को लिखित अथवा कथित रूप से दूसरों को समझा सके और दूसरों के भावो को समझ सके उसे भाषा कहते है। सरल शब्दों में, सामान्यतः … Read more
हिंदी साहित्य के प्रमुख दर्शन और प्रवर्तक
हिंदी साहित्य के प्रमुख दर्शन और प्रवर्तक सांख्य-कपिल योग-पतंजलि न्याय-अक्षपाद गौतम-वैशेषिक उलूक -कणद मीमांसा/पूर्व-मीमांसा-जैमिनी वेदांत/उत्तर मीमांसा-बादरायण लोकायत/बार्हस्पत्य-चार्वाक (बृहस्पति का शिष्य) बौद्ध/क्षणिकवाद-गौतम बुद्ध जैन/स्यादवाद-महावीर अद्वैत मत-शंकराचार्य (भक्ति आंदोलन की पृष्ठभूमि तैयार करने वाला) विशिष्टाद्वैत मत (श्री संप्रदाय)-रामानुज आचार्य (भक्ति आंदोलन का प्रारंभिक प्रतिपादक) द्वैताद्वैत/ भेदाभेद मत (सनकादि/रसिक संप्रदाय)निम्बार्क आचार्य द्वैत मत (ब्रह्म संप्रदाय)मध्वाआचार्य शुद्धाद्वैत मत (रूद्र … Read more