प्रगतिवाद के कवि
नागार्जुन (1910-1998)केदारनाथ अग्रवाल (1911-2000)रामविलास शर्मा (1912-2000)शिवमंगल सिंह सुमन (1915-2002)त्रिलोचन (1917-2007)मुक्तिबोध (1917-1964)रांगेय राघव (1923-1964)
हिन्दी भाषा का विकास
'हिंदी' विश्व की लगभग 3,000 भाषाओं में से एक है। आकृति या रूप के आधार पर हिन्दी वियोगात्मक या विश्लिष्ट भाषा है। भाषा-परिवार के आधार पर हिन्दी भारोपीय (Indo-European) परिवार की भाषा है। भारत में 4!-->!-->!-->…
भाषा विज्ञान में भाषा के अभिलक्षण जानने से पहले कुछ बातों को समझने का प्रयास करते हैं । भाषा से आशय है ‘ मनुष्य की भाषा ‘ तथा अभिलक्षण से तात्पर्य है ‘ विशेषता ‘ या मूलभूत लक्षण ।
हिन्द यूरोपीय भाषा परिवार या भारोपीय परिवार
हिन्द-यूरोपीय भाषा परिवार या भारोपीय परिवार संसार का सबसे बड़ा भाषा परिवार हैं। हिन्द-यूरोपीय भाषा परिवार में विश्व की सैंकड़ों भाषाएँ और बोलियाँ सम्मिलित हैं।
हिन्दी साहित्य
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आपस में सम्बंधित भाषाओं को भाषा-परिवार कहते हैं।
हिन्दी साहित्य : विश्व की भाषाएँ
विश्व की भाषाएँ एवं वर्गीकरण
इस समय संसार की भाषाओं की तीन अवस्थाएँ हैं।
भाषाओं की तीन अवस्थाएँ
विभिन्न देशों की!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
चन्द्रगुप्त नाटक के पात्र
हिन्दी नाटक
चाणक्य (विष्णुगुप्त) : मौर्य्य साम्राज्य का निर्माताचन्द्रगुप्त : मौर्य्यःसम्राट्नन्द : मगधःसम्राट्राक्षस : मगध का अमात्यवररुचि (कात्यायन) : मगध का अमात्यशकटार : मगध का मंत्रीआम्भीक : तक्षशिला का!-->!-->!-->!-->!-->…
भाषाओं की उत्पत्ति (The Origin Theory of Language) के सम्बन्ध में सबसे प्राचीन मत यह है कि संसार की अनेकानेक वस्तुओं की रचना जहाँ भगवान ने की है । भाषा की उत्पत्ति संस्कृत के भाष शब्द से हुई जिसका अर्थ है बोलना, यानि जब हमने बोलना सीखा उसी!-->…
भाषा वह साधन है, जिसके द्वारा मनुष्य बोलकर, सुनकर, लिखकर व पढ़कर अपने मन के भावों या विचारों का आदान-प्रदान करता है।
दूसरे शब्दों में, जिसके द्वारा हम अपने भावों को लिखित अथवा कथित रूप से दूसरों को समझा सके और दूसरों के भावो को!-->!-->!-->…
हिंदी साहित्य के प्रमुख दर्शन और प्रवर्तक
सांख्य-कपिलयोग-पतंजलिन्याय-अक्षपादगौतम-वैशेषिकउलूक -कणदमीमांसा/पूर्व-मीमांसा-जैमिनीवेदांत/उत्तर मीमांसा-बादरायणलोकायत/बार्हस्पत्य-चार्वाक (बृहस्पति का शिष्य)बौद्ध/क्षणिकवाद-गौतम!-->!-->!-->…