छायावादोत्तर युग (1936 ई० के बाद)
छायावादोत्तर युग (1936 ई० के बाद)
छायावादोत्तर युग में हिन्दी काव्यधारा बहुमुखी हो जाती है-
(A) पुरानी काव्यधारा
राष्ट्रीय-सांस्कृतिक काव्यधारा
सियाराम शरण गुप्त, माखन लाल चतुर्वेदी, दिनकर, बालकृष्ण शर्मा 'नवीन', सोहन लाल!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…