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May 2022

छायावादोत्तर युग (1936 ई० के बाद)

छायावादोत्तर युग (1936 ई० के बाद) छायावादोत्तर युग में हिन्दी काव्यधारा बहुमुखी हो जाती है- (A) पुरानी काव्यधारा राष्ट्रीय-सांस्कृतिक काव्यधारा सियाराम शरण गुप्त, माखन लाल चतुर्वेदी, दिनकर, बालकृष्ण शर्मा 'नवीन', सोहन लाल

छायावाद व प्रगतिवाद में अंतर

छायावाद व प्रगतिवाद में अंतर (i) छायावाद में कविता करने का उद्देश्य 'स्वान्तः सुखाय' है जबकि प्रगतिवाद में 'बहुजन हिताय बहुजन सुखाय' है। (ii) छायावाद में वैयक्तिक भावना प्रबल है जबकि प्रगतिवाद में सामाजिक भावना। (iii) छायावाद में

भरतमुनि संस्कृत काव्यशास्त्री

भरतमुनि संस्कृत काव्यशास्त्री भरत मुनि की ख्याति नाट्यशास्त्र के प्रणेता के रूप में है, पर उनके जीवन और व्यक्तित्व के विषय में इतिहास अभी तक मौन है। इस संबंध में विद्वानों का एक मत यह भी है कि भरतमुनि वस्तुतः एक काल्पनिक मुनि का नाम है।

भामह संस्कृत काव्यशास्त्री

भामह संस्कृत काव्यशास्त्री आचार्य बलदेव उपाध्याय ने भामह का समय 6 शती का पूर्वार्द्ध निश्चित किया है। भामह कश्मीर के निवासी थे तथा इनके पिता का नाम रक्रिल गोमी था। सर्वप्रथम भामह ने ही अलंकार को नाट्यशास्त्र की परतन्त्रता से मुक्त कर एक

दण्डी संस्कृत काव्यशास्त्री

दण्डी संस्कृत काव्यशास्त्री आचार्य दण्डी का समय सप्तम शती स्वीकार किया गया है। यह दक्षिण भारत के निवासी थे। दण्डी पल्लव नरेश सिंह विष्णु के सभा पंडित थे। दंडी अलंकार संप्रदाय से सम्बद्ध है तथा इनके तीन ग्रंथ उपलब्ध होते हैं 'काव्यदर्श',

दलित लेखन धारा की आत्मकथाएं

दलित लेखन धारा की आत्मकथा HINDI SAHITYA अपने-अपने पिंजरे (भाग-1-1995 ई०); भाग-2-2000 ई०) -मोहन नैमिशरायजूठन 1997 ई०)-ओम प्रकाश वाल्मीकिमेरा बचपन मेरे कंधो पर (2009 ई०)-श्योराज सिंह बेचैनमुर्दहिया (2010 ई०)-डॉ तुलसीदासशिकंजे का दर्द

हिन्दी भाषा के विकास हेतु प्रमुख स्थापनाएँ

हिन्दी भाषा के विकास हेतु प्रमुख स्थापनाएँ HINDI SAHITYA फोर्ट विलियम कालेज, /कलकत्ता4 मई, 1800 ई०कवितावर्धिनी सभा, /काशी1870 ई० (संस्थापक-भरतेन्दु हरिश्चन्द्र)हिन्दी (भाषा) संवर्द्धिनी सभा, /अलीगढ़1874 ई० (संस्थापक-भरतेन्दु मंडल के

महिला लेखन धारा की आत्मकथाएं

महिला लेखन धारा की आत्मकथा HINDI SAHITYA दस्तक जिन्दगी की (1990 ई०);मोड़ जिन्दगी का (1996 ई०)प्रतिभा अग्रवालजो कहा नहीं गया (1996 ई०)कुसुम अंसललगता नहीं है दिल मेरा (1997 ई०)कृष्णा अग्निहोत्रीबूंद बावड़ी (1999 ई०)पद्मा सचदेवकुछ कही कुछ

हिंदी साहित्य के महत्वपूर्ण तथ्य

हिंदी साहित्य के महत्वपूर्ण तथ्य HINDI SAHITYA (1) हिन्दी के सर्वप्रथम प्रकाशित पत्र का नाम क्या है। - उदन्ड मार्तण्ड । (2) हिन्दी साहित्य की प्रथम कहानी है। - इन्दुमती । (3) आंचलिक रचनाऍं किससे सम्बन्धित होती है। - क्षेत्र विषेश

छायावादोत्तर युगीन प्रसिद्ध पंक्तियाँ

छायावादोत्तर युगीन प्रसिद्ध पंक्तियाँ (विविध) HINDI SAHITYA श्वानो को मिलता दूध वस्त्रभूखे बालक अकुलाते हैं -दिनकर लेकिन होता भूडोल, बवंडर उठते हैं,जनता जब कोपाकुल हो भृकुटि चढाती है;दो राह, समय के रथ का घर्घर नाद सुनो,सिंहसान