छायावाद व प्रगतिवाद में अंतर
(i) छायावाद में कविता करने का उद्देश्य ‘स्वान्तः सुखाय’ है जबकि प्रगतिवाद में ‘बहुजन हिताय बहुजन सुखाय’ है।
(ii) छायावाद में वैयक्तिक भावना प्रबल है जबकि प्रगतिवाद में सामाजिक भावना।
(iii) छायावाद में अतिशय कल्पनाशीलता है जबकि प्रगतिवाद में ठोस यथार्थ।