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हिंदी साहित्य का प्रगतिवाद

प्रगतिवादी कवियों की महत्वपूर्ण काव्य पंक्तियाँ

प्रगतिवादी कवियों की महत्वपूर्ण काव्य पंक्तियाँ (क) केदारनाथ अग्रवाल(ख) नागार्जुन(ग) त्रिलोचन (क) केदारनाथ अग्रवाल (1) धूप चमकती है चाँदी की साड़ी पहने मैके में आयी बेटी की तरह मगन है। (2) एक बीते के बराबर, यह हरा ठिगना चना

प्रगतिवाद के कवि

प्रगतिवाद के कवि नागार्जुन (1910-1998)केदारनाथ अग्रवाल (1911-2000)रामविलास शर्मा (1912-2000)शिवमंगल सिंह सुमन (1915-2002)त्रिलोचन (1917-2007)मुक्तिबोध (1917-1964)रांगेय राघव (1923-1964)

छायावाद व प्रगतिवाद में अंतर

छायावाद व प्रगतिवाद में अंतर (i) छायावाद में कविता करने का उद्देश्य 'स्वान्तः सुखाय' है जबकि प्रगतिवाद में 'बहुजन हिताय बहुजन सुखाय' है। (ii) छायावाद में वैयक्तिक भावना प्रबल है जबकि प्रगतिवाद में सामाजिक भावना। (iii) छायावाद में

तारसप्तक के कवि

तारसप्तक के कवि HINDI SAHITYA तार सप्तक' (1943 ई०) अज्ञेय, मुक्तिबोध, गिरिजाकुमार माथुर, प्रभाकर माचवे, भारत भूषण अग्रवाल, नेमिचंद्र जैन, रामविलास शर्मा दूसरा सप्तक (1951 ई०) रघुवीर सहाय, धर्मवीर भारती, नरेश मेहता,