तारसप्तक के कवि

तारसप्तक के कवि

HINDI SAHITYA
HINDI SAHITYA

 तार सप्तक’ (1943 ई०)

अज्ञेय, मुक्तिबोध, गिरिजाकुमार माथुर, प्रभाकर माचवे, भारत भूषण अग्रवाल, नेमिचंद्र जैन, रामविलास शर्मा

दूसरा सप्तक (1951 ई०)

रघुवीर सहाय, धर्मवीर भारती, नरेश मेहता, शमशेर बहादुर सिंह, भवानी प्रसाद मिश्र, शकुंतला माथुर, हरिनारायण व्यास

तीसरा सप्तक (1959 ई०)

कीर्ति चौधरी, प्रयाग नारायण त्रिपाठी, केदारनाथ सिंह, कुँवरनारायण, विजयदेव नारायण साही, सर्वेश्वरदयाल सक्सेना, मदन वात्स्यायन

चौथा सप्तक (1979 ई०)

अवधेश कुमार, राजकुमार कुम्भज, स्वदेश भारती, नंद किशोर आचार्य, सुमन राजे, श्रीराम वर्मा व राजेंद्र किशोर

याद करने का ट्रिकः-

1.अमूने गिराप्रभा (नाम की तरह जानो )
2. रघु -धर्म ,भवानी- शेर और नरहरी – शकुंतला से प्रेम करते हैं ।
3.प्रतागकीर्ति कुंवर केदारा
मदनविजय सर्वेश्वर दयाला
4.श्रीराम राजकुमार अवध के ,
राजेंद्रनंद सुमन स्वदेश के।

अज्ञेय

  • अज्ञेय अस्तित्ववाद में आस्था रखने वाले कवि हैं। अज्ञेय को प्रयोगवाद तथा नयी कविता का शलाका पुरुष भी कहा जाता है।
  • अज्ञेय की चर्चित कविताएँ निम्नांकित हैं- (1) असाध्य वीणा, (2) कलगी बाज की, (3) साँप, (4) नदी के द्वीप, (5) हरी घास पर क्षण भर, (6) जितना तुम्हारा सच, (7) शब्द और सत्य, (8) यह दीप अकेला।
  • ‘असाध्य वीणा’ एक लम्बी कविता है। इसका मूल भाव ‘अहं का विसर्जन’ है।

मुक्तिबोध

  • मुक्तिबोध का पूरा नाम गजानन माधव था। इन्हें ‘गहन अनुभूति और तीव्र इंद्रियबोध’ का कवि भी कहा जाता है। (1964)
  • 9 मुक्तिबोध की दो काव्य कृतियां प्रकाशित हैं- (1) चाँद का मुँह टेढ़ा है और (2) भूरि भूरि खाक धूल (1980 ई०) ।
  • मुक्तिबोध की चर्चित कविताएँ निम्नांकित हैं- (1) अँधेरे में, (2) ब्रह्म राक्षस, (3)
  • अंतःकरण का आयतन, (4) भूल गलती।
  • ‘अँधेरे में’ का पहला प्रकाशन ‘कल्पना’ में 1964 में ‘ आशंका के द्वीप अँधेरे में से हुआ। नाम
  • रामस्वरूप चतुर्वेदी ने लिखा है- “मुक्तिबोध का काव्य-संकलन ‘चाँद का मुँह टेढ़ा
  • है’ एक बड़े कलाकार की ‘स्कैच-बुक’ लगता है। ” ‘अँधेरे में’ एक लम्बी कविता है। विभिन्न आलोचकों ने इसे विभिन्न दृष्टिकोण से देखा है। जो निम्न हैं शमशेर बहादुर सिंह – “यह कविता देश के आधुनिक जन इतिहास का स्वतंत्रता
  • पूर्व और पश्चात एक दहकता इस्पाती दस्तावेज है। इसमें अजब और अद्भुत रूप से व्यक्ति और जन का एकीकरण है।’
  • रामविलास शर्मा – ” अपराध भावना का अनुसन्धान”। नामवर सिंह” अस्मिता की खोज”।
  • इन्द्रनाथ मदान
  • ‘आत्म संशोधन का अनुसन्धान”।
  • निर्मला जैन- ” अन्तस्थल का विप्लव” ।
  • राम अनुसंधान अहिमताल
  • प्रभाकर माचवे “लावा “।
  • समविलास शर्मा” अरक्षित जीवन की कविता”। रामस्वरूप चतुर्वेदी ” अँधेरे में के लम्बे खण्डों में कवि की समस्या है समाज के उत्थान-पतन और आन्दोलन के बीच अपनी रचना के प्रेरक तत्त्वों का अभिज्ञान, रचना कैसे बाहर से अन्दर आती है और फिर कैसे बाहर दूर-दूर तक परिव्याप्त हो जाती है। “
  • मुक्तिबोध ने ‘अँधेरे में’ कविता की रचना फैंटेसी में की है। ० मुक्तिबोध ने फैंटेसी को निम्न ढंग से परिभाषित किया है
  • (1) “ज्ञान गर्भ फैंटेसी द्वारा, सार रूप में, जीवन की पुनर्रचना करता है।” (2) “फैंटेसी के अन्तर्गत भाव पक्ष प्रधान और विभाव-पक्ष गौण और प्रच्छन्न तो होता ही है, साथ ही यह भाव पक्ष कल्पना को उत्तेजित करके, बिम्बों की रचना करते हुए. एक ऐसा मूर्त विधान उपस्थित करता है कि जिस विधान में उस विधान ही के नियम होते हैं।”

शमशेर बहादुर सिंह

शमशेर बहादुर सिंह प्रेम और सौन्दर्य के कवि हैं।

(1) कुछ कविताएँ (1959), (2) कुछ और कविताएँ (1961), (3) चुका भी हूँ नहीं मैं (1975), (4) इतने अपने पास (1980), (5) उदिता अभिव्यक्ति का संघर्ष (1980), (6) बात बोलेगी (1981), (7) काल तुमसे होड़ है मेरी (1988), (8) कहीं बहुत दूर से सुन रहा हूँ (1995), (9) सुकून की तलाश (1998)।

शमशेर की कविताओं के सन्दर्भ में कुछ महत्वपूर्ण कथन निम्न हैं

  • अज्ञेय – ” शमशेर कवियों का कवि हैं।”
  • मलयज – “शमशेर ‘मूड्स’ के कवि हैं किसी विजन के नहीं।”
  • मुक्तिबोध – ” शमशेर की आत्मा ने अपनी अभिव्यक्ति का एक प्रभावशाली अपने हाथों तैयार किया है। उस भवन में जाने से डर लगता गम्भीर प्रयत्न
  • साध्य पवित्रता के कारण।”
  • मुक्तिबोध – ” शमशेर की मूल मनोवृत्ति एक इंप्रेशनिस्टिक चित्रकार की है।”
  • मुक्तिबोध – ” प्रणय जीवन का प्रसंगबद्ध रसवादी कवि।” विष्णु खरे” शमशेर की शमशेरियत”।
  • रामचन्द्र तिवारी- ” शमशेर का गद्य हिन्दी का जातीय गद्य है।” रामस्वरूप चतुर्वेदी- “भाषा में बोलचाल के गद्य का लहजा, और लय में संगीत का चरम अमूर्तन इन दो परस्पर प्रतिरोधी मनःस्थितियों को उनकी कला साधती है।”
  • शमशेर बहादुर सिंह ने लिखा है, “टेकनीक में एजरा पाउंड शायद मेरा सबसे बड़ा आदर्श बन गया था।”
  • शमशेर का कथन है, “मैं उर्दू और हिन्दी का दोआब हूँ।” शमशेर बहादुर सिंह की चर्चित कविताएँ निम्न हैं- (1) टूटी हुई बिखरी हुई, (2) अमन का राग (लम्बी कविता), (3) एक पीली शाम, (4) धूप कोठरी के आईने में खड़ी, (5) घिर गया है समय का रथ, (6) समय साम्यवादी।

भवानीप्रसाद मिश्र

  • कहानीकार हृदय प्रकाश ने भवानीप्रसाद मिश्र को ‘कविता का गांधी कहा है . लेकिन उन्होंने खुद को ‘गाँधी का बेटा’ कहा है।
  • भवानीप्रसाद मिश्र के काव्य-संग्रह निम्न हैं
  1. गीत फरोश (1953)
  2. परिवर्तन जिये (1976)
  3. चकित है दुःख (1968)
  4. अँधेरी कविताएँ (1968)
  5. त्रिकाल संध्या (1978)
  6. इद्म न मम् (1977)
  7. गाँधी पंचशती (1969)
  8. शरीर कविता फसलें और फूल (1980)
  9. बुनी हुई रस्सी (1971)
  10. मानसरोवर दिन (1981)
  11. खुशबू के शिलालेख (1973)
  12. सम्प्रति (1982)
  13. व्यक्तिगत (1973)
  14. नीली रेखा तक (1984)
  15. तूस की आग (1985)
  16. अन्तर्गत (1979)
  17. कालजयी (1980) ( खण्डकाव्य)
  18. अनाम तुम आते हो (1979)
  • भवानी प्रसाद मिश्र को ‘सहजता का कवि’ कहा जाता है। भवानी प्रसाद मिश्र की चर्चित कविताएँ निम्नांकित हैं- (1) कमल के फूल, (2) सतपुड़ा के जंगल, (3) वाणी की दीनता, (4) टूटने का सुख, (5) गीत फ़रोश।

नरेश मेहता

  • नरेश मेहता नये कवियों में महत्वपूर्ण हस्ताक्षर हैं। इनकी प्रमुख रचनाएँ निम्न हैं
  • (क) काव्य संग्रह (1) वन पाखी सुनो, (2) बोलने दो चीड़ को, (3) मेरा समर्पित एकांत, (4) चैत्या, (5) उत्सवा
  • (ख) प्रबन्ध काव्य-(1) संशय की एक रात, (2) महाप्रस्थान, (3) प्रवाद पर्व, (4) शबरी
  • ‘समय देवता’ शीर्षक कविता इनकी एक लम्बी कविता है जिसमें धरती के विभिन्न है।
  • भागों की सांस्कृतिक-राजनीतिक स्थिति का ‘सीनिरियो’ प्रस्तुत किया गया ० नरेश मेहता की अन्य चर्चित व महत्वपूर्ण रचनाएँ निम्न हैं
  • (1) उषस् (1, 2, 3, 4), (2) किरन धेनुएँ, (3) चाहता मन।

धर्मवीर भारती

  • धर्मवीर भारती मूलत: प्रेम के कवि हैं। इनकी प्रमुख रचनाएँ हैं – (1) ठण्डा लोहा (1952), (2) अंधा युग (1955), (3) कनुप्रिया (1959), (4) सात गीत वर्ष
  • (1959), (5) देशान्तर ।
  • ‘कनुप्रिया’ में राधा और कृष्ण के प्रेम का वर्णन है। ‘देशान्तर’ काव्य-संग्रह विदेशी कविताओं का संग्रह है।

सर्वेश्वरदयाल सक्सेना

  • सर्वेश्वरदयाल सक्सेना नयी कविता के प्रमुख हस्ताक्षर हैं।
  • इनकी निम्नांकित कृतियाँ प्रकाशित हैं
    • (1) काठ की घण्टियाँ, (2) बाँस का पुल, (3) एक सूनी नाव, (4) गर्म हवाएँ, (5) कुआनो नदी, (6) कविताएँ-1, (7) कविताएँ-2, (8) जंगल का दर्द, (9) खुटियों पर टंगे लोग।
  • सर्वेश्वरदयाल सक्सेना की चर्चित कविताएँ निम्नांकित हैं (1) काफी हाउस में एक मेलोड्रामा, (2) अहं से मेरे बड़ी हो तुम, (3) विगत प्यार, (4) लिपटा रजाईं में, (5) मैंने कब कहा।

केदारनाथ सिंह

  • केदारनाथ सिंह नयी कविता में बिम्ब को बहुत महत्व देते हैं।
  • केदारनाथ सिंह की महत्वपूर्ण काव्य कृतियाँ निम्नलिखित हैं (1) अभी बिल्कुल अभी, (2) जमीन पक रही है, (3) यहाँ से देखो, (4) अकाल में सारस, (5) उत्तर कबीर और अन्य कविताएँ, (6) बाघ (लम्बी कविता), (7) ताल्सताय और साइकिल
  • केदारनाथ सिंह की चर्चित कविताएँ निम्न हैं
  • (1) बनारस, (2) अनागत, (3) फर्क नहीं पड़ता।

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