सुदामा पाण्डेय धूमिल का साहित्यिक परिचय - inshot 20230518 1655201292218953129757730483 - हिन्दी साहित्य नोट्स संग्रह
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हिन्दी साहित्यकार

इस श्रेणी में हिन्दी भाषा के साहित्यकारों के जीवन परिचय, रचनाएँ , लेखन कला व साहित्य में स्थान के बारे में बताने का प्रयास किया गया है.

हिंदी के प्रमुख कवि उपनाम

हिंदी के प्रमुख कवि उपनाम HINDI SAHITYA आदि कवि- वाल्मीकिअपभ्रंश का वाल्मीकि- स्वयंभू अभिनव जयदेव विद्यापतिहिंदी का प्रथम कवि. सरहपा प्रथम सूफी कवि- असाइत जड़िया

साहित्य अकादमी पुरस्कार हिन्दी भाषा

साहित्य अकादमी पुरस्कार सन् १९५५ से प्रत्येक वर्ष भारतीय भाषाओं की श्रेष्ठ कृतियों को दिया जाता है, जिसमें एक ताम्रपत्र के साथ नक़द राशि दी जाती है।नक़द राशि इस समय एक लाख रुपए हैं। HINDI SAHITYA साहित्य अकादमी पुरस्कारों की सूची

केदारनाथ अग्रवाल का साहित्यिक परिचय

केदारनाथ अग्रवाल (1 अप्रैल 1911 - 22 जून 2000 ) प्रमुख हिन्दी कवि थे। 1 अप्रैल 1911 को उत्तर प्रदेश के बांदा जनपद के कमासिन गाँव में हनुमान प्रसाद गुप्ता व घसीटो देवी के घर हुआ था। प्रमुख कवि : कालक्रमानुसार केदारनाथ अग्रवाल का

भिखारीदास का साहित्यिक परिचय

भिखारीदास रीतिकाल के श्रेष्ठ हिन्दी कवि थे। कवि और आचार्य भिखारीदास का जन्म प्रतापगढ़ के निकट टेंउगा नामक स्थान में सन् 1721 ई० में हुआ था। इनकी मृत्यु बिहार में आरा के निकट भभुआ नामक स्थान पर हुई। भिखारी दास की रचनाएँ

राधाकृष्ण दास का साहित्यिक परिचय

राधाकृष्ण दास (1865- 2 अप्रैल 1907) हिन्दी के प्रमुख सेवक तथा साहित्यकार थे। वे भारतेन्दु हरिश्चन्द्र के फुफेरे भाई थे। शारीरिक कारणों से औपचारिक शिक्षा कम होते हुए भी स्वाध्याय से इन्होने हिन्दी, बंगला, गुजराती, उर्दू, आदि का अच्छा ज्ञान

नंददास का साहित्यिक परिचय

नंददास का जन्म सनाढ्य ब्राह्मण कुल में वि ० सं ० 1420 में अन्तर्वेदी रामपुर (वर्तमान श्यामपुर) में हुआ जो वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में है। ये संस्कृत और बृजभाषा के अच्छे विद्वान थे। भागवत की रासपंचाध्यायी का भाषानुवाद इस

नामदेव का साहित्यिक परिचय

नामदेव का साहित्यिक परिचय नामदेव भारत के प्रसिद्ध संत थे। भक्त नामदेव महाराज का जन्म 26 अकटुबर 1270 (शके 1192) प्रथम संवत्सर कार्तिक शुक्ल एकादशी को में महाराष्ट्र के सातारा जिले में कृष्णा नदी के किनारे बसे नरसीबामणी नामक गाँव में एक

कुलपति मिश्र का साहित्यिक परिचय

कुलपति मिश्र आगरा के रहने वाले 'माथुर चौबे' थे और महाकवि बिहारी के भानजे के रूप में प्रसिद्ध हैं। इनके पिता का नाम 'परशुराम मिश्र' था। कुलपति जी जयपुर के महाराज जयसिंह के पुत्र महाराज रामसिंह के दरबार में रहते थे। कविता काल इनके 'रस

  शबरपा का साहित्यिक परिचय

शबरपा सिद्ध साहित्य की रचना करने वाले प्रमुख सिद्धों में से एक हैं। इनका जन्म 780 ई॰ में क्षत्रिय कुल में हुआ था। इन्होंने सरहपा से ज्ञान प्रप्त किया। शबरों की तरह जीवन व्यतीत करने के कारण इन्हें शबरपा कहा जाने लगा। इनकी प्रसिद्ध पुस्तक