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हिन्दी साहित्यकार

इस श्रेणी में हिन्दी भाषा के साहित्यकारों के जीवन परिचय, रचनाएँ , लेखन कला व साहित्य में स्थान के बारे में बताने का प्रयास किया गया है.

मैथिलकोकिल विद्यापति का साहित्यिक परिचय

मैथिलकोकिल विद्यापति का साहित्यिक परिचय :आचार्य रामचंद्र शुक्ल के अनुसार “ विद्यापति के पद अधिकतर शृंगार के ही हैं जिनमें नायिका और नायक राधा-कृष्ण हैं। विद्यापति शैव थे। इन्होंने इन पदों की रचना शृंगार काव्य की दृष्टि से की है, भक्त के

मन्नू भंडारी का साहित्यिक परिचय

मन्नू भंडारी का साहित्यिक परिचय मन्नू भंडारी का साहित्यिक परिचय प्रमुख रचनाएं:-कहानी-संग्रह:-कहानियां:-उपन्यास:- फ़िल्म पटकथाए:-नाटक:- आत्मकथा:-पुरस्कार:-विशेष तथ्य:- मन्नू भंडारी जन्म -3 अप्रैल, 1931 जन्म भूमि - भानपुरा नगर,

सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय का साहित्यिक परिचय

सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन "अज्ञेय" (7 मार्च, 1911 - 4 अप्रैल, 1987) को कवि, शैलीकार, कथा-साहित्य को एक महत्त्वपूर्ण मोड़ देने वाले कथाकार, ललित-निबन्धकार, सम्पादक और अध्यापक के रूप में जाना जाता है इनका जन्म 7 मार्च 1911

जैनेंद्र कुमार का साहित्यिक परिचय

जैनेंद्र कुमार का साहित्यिक परिचय : जैनेंद्र कुमार का जन्म २ जनवरी सन १९०५, में अलीगढ़ के कौड़ियागंज गांव में हुआ। उनके बचपन का नाम आनंदीलाल था। २४ दिसम्बर १९८८ को उनका निधन हो गया। प्रकाशित

भूषण का साहित्यिक परिचय

आचार्य रामचंद्र शुक्ल के अनुसार भूषण का जन्म संवत 1670 तदनुसार ईस्वी 1613 में हुआ। उनका जन्म स्थान कानपुर जिले में तिकवांपुर नाम(वर्तमान में टिकमापुर ) का ग्राम बताया जाता है। उनके पिता का नाम 'रतिनाथ' या रत्नाकर

केशवदास का साहित्यिक परिचय

केशवदास का साहित्यिक परिचय: केशवदास (जन्म (अनुमानत:) 1555 विक्रमी और मृत्यु (अनुमानत:) 1618 विक्रमी) हिन्दी साहित्य के रीतिकाल की कवि-त्रयी के एक प्रमुख स्तंभ हैं। वे संस्कृत काव्यशास्त्र का

गोस्वामी तुलसीदास का साहित्यिक परिचय

गोस्वामी तुलसीदास हिन्दी साहित्य के महान सन्त कवि थे। रामचरितमानस इनका गौरव ग्रन्थ है। इन्हें आदि काव्य रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि का अवतार भी माना जाता है। तुलसीदास जी रामानंदी के बैरागी साधु थे। tulsidas जन्म अधिकांश

सुभद्रा कुमारी चौहान का साहित्यिक परिचय

सुभद्रा कुमारी चौहान हिन्दी की सुप्रसिद्ध कवयित्री और लेखिका थीं। ये राष्ट्रीय चेतना की एक सजग कवयित्री रही हैं, किन्तु इन्होंने स्वाधीनता संग्राम में अनेक बार जेल यातनाएँ सहने के पश्चात अपनी अनुभूतियों को कहानी में भी व्यक्त किया।