राम की शक्ति पूजा वस्तुनिष्ठ प्रश्न

हिन्दी पद्य साहित्य

राम की शक्ति पूजा वस्तुनिष्ठ प्रश्न

1 *राम की शक्ति पूजा* का रचना काल है – ?
1, 1935
2, 1936✔️
3, 1937
4, 1938

2 राम की शक्ति पूजा प्रथमतः किस पत्रिका में प्रकाशित हुई थी?
1 भारत✔️
2 मतवाला
3 दिनमान
4 सुधावर्षण

3 राम की शक्ति पूजा में सर्वाधिक प्रभाव है –
1 वाल्मीकि रामायण
2 रामचरित मानस
3 कृतिवास रामायण✔️
4 शिव महिमा स्त्रोत

4 *राघव – लाघव* का अर्थ है –
1 राम- लघु
2 राम – शक्तिहीन
3 राम – कुशलता से✔️
4 राम – पराजित से

5 राम की शक्ति पूजा कैसा काव्य है ?
1 खंड काव्य
2 गीति काव्य
3 पौराणिक काव्य✔️
4 कथा काव्य

6 युद्ध कब अपराजेय रह गया ?
1 लक्ष्मण को लगी शक्ति
2 जब रवि हुआ अस्त✔️
3 जब मेघनाथ ने मायावी युद्ध किया
4 जब लक्ष्मण ने मायावी युद्ध किया

7 इस कविता के अनुसार राम रावण युद्ध के दौरान कौन *केवल प्रबुद्ध* था?
1 जाम्बवान
2 विभीषण
3 हनुमान✔️
4 राम

8 प्रथम दिवस वानर वाहिनी कैसे लौट रही थी?
1 खिन्न मन से✔️
2 अट्टहास करते
3 उछलते कूदते
4 चित्कार करते

9 *नमित मुख सांध्य कमल* किसके लिए कहा गया है?
1 राम
2 हनुमान
3 जाम्बवान
4 लक्ष्मण✔️

10 प्रस्तुत कविता में *दिव्य भाव भर* किसके लिए आया है?
1 लक्ष्मण
2 राम
3 हनुमान✔️
4 जाम्बवान

11 *आराधन का दृढ़ आराधन से दो उत्तर* का परामर्श राम को किसने दिया?
1 लक्ष्मण
2 विभीषण
3 जाम्बवान✔️
4 किसी ने नहीं (स्वयं)

12 श्री राम के अश्रु बूंदों का कारण हनुमान जी किसे मानते हैं?
1 नियति
2 रावण
3 शक्ति✔️
4 पराजय की आशंका

13 प्रस्तुत कविता में लीला सहचर किसके लिए प्रयुक्त हुआ है?
1 सीता
2 लक्ष्मण
3 हनुमान✔️
4 जाम्बवान

14 रघुकुल मणि कैसी शिला में बैठे हैं?
1 श्याम
2 श्वेत✔️
3 भूरी
4 कत्थई

16 राम अपने आराधन के किस दिन आज्ञाचक्र में प्रवेश करके महाशक्ति में समा गए?
1 पंचम दिवस
2 षष्ठम दिवस✔️
3 सप्तम दिवस
4 नवम दिवस

17 *धिक् जीवन को जो पाता ही आया विरोध* किस अवसर पर कहा गया?
1 शक्ति द्वारा रावण की सहायता करना
2 मंत्रपूत बाणों का निष्फल हो जाना
3 शक्ति द्वारा आराधना का फूल चुरा लेना✔️
4 वानर वाहनी का विकल हो जाने से

18 साधना के अंत में राम अपने नेत्रों को अर्पित करने को उद्यत होते हैं?
1 बाएं हाथ से दाहिने नेत्र को✔️
2 दाहिने हाथ से बाएं नेत्र को
3 वाम हस्त से वाम नेत्र को
4 दक्षिण हस्त से दक्षिण नेत्र को

19 राम की शक्ति पूजा में *नवनीत चरण* किसके लिए आया है?
1 लक्ष्मण के लिए
2 राम के लिए✔️
3 हनुमान के लिए
4 विभीषण के लिए

20राम की शक्तिपूजा में युद्ध के प्रथम दो पहर कैसे बीते?
1 राघव – लाघव
2 रावण – वारण
3 राघव-लाघव, रावण – वारण✔️
4 रावण – त्वारण

प्रगतिवादी कवियों की महत्वपूर्ण काव्य पंक्तियाँ

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प्रगतिवादी कवियों की महत्वपूर्ण काव्य पंक्तियाँ (क) केदारनाथ अग्रवाल (1) धूप चमकती है चाँदी की साड़ी पहने मैके में आयी बेटी की तरह मगन है। (2) एक बीते के बराबर, यह हरा ठिगना चना बांधे मुरैठा शीश पर छोटे गुलाबी फूल का। (3) मैंने उसको जब-जब देखा, लोहा जैसे तपते देख, गलते देखा, ढलते देख … Read more

प्रगतिवाद (1936 से 1942 ई० )

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प्रगतिवाद (1936 से 1942 ई० ) लखनऊ में अप्रैल, 1936 ई० में ‘प्रगतिशील लेखक संघ’ की स्थापना और प्रथम अधिवेशन के समय से हिन्दी में प्रगतिवादी आन्दोलन की शुरुआत होती है। इस अधिवेशन के प्रथम अध्यक्ष मुंशी प्रेमचंद थे। सन् 1934 ई० में गोर्की के नेतृत्व में रूस में ‘सोवियत लेखक संघ’ की स्थापना हुई। … Read more

हिंदी साहित्य में नयी कविता का युग

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‘दूसरे सप्तक’ के प्रकाशन वर्ष 1951ई० से ‘नयी कविता’ का प्रारंभ माना जाता  है। ‘नयी कविता’ उन कविताओं को कहा जाता है, जिनमें परम्परागत कविता से आगे नये भाव बोधों की अभिव्यक्ति के साथ ही नये मूल्यों और शिल्प विधान का अन्वेषण किया गया। अज्ञेय को ‘नयी कविता का भारतेन्दु’ कह सकते हैं । नयी … Read more

साठोत्तरी कविता आंदोलन

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साठोत्तरी हिन्दी साहित्य के इतिहास के अन्तर्गत सन् 1960 ई० के बाद मुख्यतः नवलेखन (नयी कविता, नयी कहानी आदि) युग से काफी हद तक भिन्नता की प्रतीति कराने वाली ऐसी पीढ़ी के द्वारा रचित साहित्य है जिनमें विद्रोह एवं अराजकता का स्वर प्रधान था। साठोत्तरी लेखन में विद्रोही चेतनायुक्त आन्दोलन प्राथमिक रूप से कविता के … Read more

प्रयोगवादी कवियों की महत्वपूर्ण काव्य पंक्तियाँ

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प्रयोगवादी कवियों की महत्वपूर्ण काव्य पंक्तियाँ (क) अज्ञेय (1) वही परिचित दो आँखें ही चिर माध्यम हैं सब आँखों से सब दर्दों से मेरे लिए परिचय का। (2) यह दीप अकेला स्नेह भरा, है गर्व भरा मदमाता, पर इसको भी पंक्ति दे दो। (3) किन्तु हम हैं द्वीप । हम धारा नहीं हैं स्थिर समर्पण … Read more

हिंदी साहित्य का प्रयोगवाद

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‘प्रयोगवाद’  ‘तार सप्तक’ के माध्यम से वर्ष 1943 ई० में प्रकाशन जगत में आई और जो प्रगतिशील कविताओं के साथ विकसित होती गयी तथा जिनका पर्यावसान ‘नयी कविता’ में हो गया। कविताओं को सबसे पहले नंद दुलारे बाजपेयी ने ‘प्रयोगवादी कविता’ कहा। अज्ञेय, गिरिजा कुमार माथुर, मुक्तिबोध, नेमिचंद जैन, भारत भूषण अग्रवाल, रघुवीर सहाय, धर्मवीर … Read more

हिंदी साहित्य में नवगीत

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हिंदी साहित्य में नवगीत, हिन्दी काव्य-धारा की एक नवीन विधा है। इसकी प्रेरणा सूरदास, तुलसीदास, मीराबाई और लोकगीतों की समृद्ध भारतीय परम्परा से है। हिंदी साहित्य के प्रमुख नवगीतकार में सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला, राजेन्द्र प्रसाद सिंह, ठाकुर प्रसाद सिंह, शान्ति सुमन, माहेश्वर तिवारी, सुभाष वशिष्ठ और कुमार रवीन्द्र नाम प्रमुख हैं . “नवगीत” एक यौगिक … Read more

हिन्दी साहित्य में ग़ज़ल

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हिन्दी साहित्य में ग़ज़ल को सम्मानपूर्ण स्थान प्राप्त है। यह हिन्दी साहित्य की एक सशक्त और अत्यन्त लोकप्रिय काव्य – विधा है। ग़ज़ल की शुरुआत ग़ज़ल की शुरुआत लगभग पन्द्रह सौ वर्ष पहले अरबी भाषा में हुई थी। अरबी में मुख्य रूप से कसीदे ( राजाओं की प्रशंसा में लिखे जाने वाले काव्य ) और … Read more

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