टैग: हिंदी साहित्य का छायावाद
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छायावाद चतुष्टय के प्रमुख दर्शन
छायावाद चतुष्टय के प्रमुख दर्शन छायावाद चतुष्टय के प्रमुख दर्शन इस प्रकार है
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महादेवी वर्मा
छायावाद के महत्वपूर्ण स्तंभ कवयित्री महादेवी वर्मा का जीवन परिचय के बारे में जानेंगे . महादेवी वर्मा (26 मार्च 1907 फ़र्रुख़ाबाद उत्तर प्रदेश, — 11 सितंबर 1987 ) हिन्दी की सर्वाधिक प्रतिभावान कवयित्रियों में से हैं। महादेवी वर्मा महदेवी वर्मा के पिता श्री गोविंद प्रसाद वर्मा और माता का नाम हेमरानी देवी था। सुमित्रानंदन पंत एवं निराला , उनसे जीवन पर्यन्त राखी बँधवाते रहे। कालेज में सुभद्रा कुमारी चौहान के…
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छायावाद अर्थ विशेषता
छायावाद का अर्थ विद्वानों में मतभेद ‘छायावाद शब्द का अर्थ चाहे जो हो परंतु व्यावहारिक दृष्टि से यह प्रसाद, निराला, पंत और महादेवी की उन समस्त कविताओं का द्योतक है जो 1918 ई० से लेकर 1936ई० (‘उच्छवास’ से ‘युगान्त’) तक लिखी गई’। नामवर सिंह किसी कविता के भावों की छाया यदि कहीं अन्यत्र जाकर पड़े…
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छायावादोत्तर युग (1936 ई० के बाद)
छायावादोत्तर युग (1936 ई० के बाद) छायावादोत्तर युग में हिन्दी काव्यधारा बहुमुखी हो जाती है- (A) पुरानी काव्यधारा राष्ट्रीय-सांस्कृतिक काव्यधारा सियाराम शरण गुप्त, माखन लाल चतुर्वेदी, दिनकर, बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’, सोहन लाल द्विवेदी, श्याम नारायण पाण्डेय आदि। उत्तर-छायावादी काव्यधारा- निराला, पंत, महादेवी, जानकी वल्लभ शास्त्री आदि। (B) नवीन काव्यधारा वैयक्तिक गीति कविता धारा (प्रेम और…
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छायावाद व प्रगतिवाद में अंतर
छायावाद व प्रगतिवाद में अंतर (i) छायावाद में कविता करने का उद्देश्य ‘स्वान्तः सुखाय’ है जबकि प्रगतिवाद में ‘बहुजन हिताय बहुजन सुखाय’ है। (ii) छायावाद में वैयक्तिक भावना प्रबल है जबकि प्रगतिवाद में सामाजिक भावना। (iii) छायावाद में अतिशय कल्पनाशीलता है जबकि प्रगतिवाद में ठोस यथार्थ।
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छायावादोत्तर युगीन प्रसिद्ध पंक्तियाँ
छायावादोत्तर युगीन प्रसिद्ध पंक्तियाँ (विविध) श्वानो को मिलता दूध वस्त्रभूखे बालक अकुलाते हैं -दिनकर लेकिन होता भूडोल, बवंडर उठते हैं,जनता जब कोपाकुल हो भृकुटि चढाती है;दो राह, समय के रथ का घर्घर नाद सुनो,सिंहसान खाली करो कि जनता आती है। –दिनकर कवि कुछ ऐसी तान सुनाओं, जिससे उथल-पुथल मच जाएएक हिलोर इधर से आये, एक हिलोर…
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छायावाद महत्वपूर्ण वस्तुनिष्ठ प्रश्न
छायावाद महत्वपूर्ण वस्तुनिष्ठ प्रश्न प्रश्न 01-निराला की प्रथम काव्य संग्रह है-1)जूही की कली ✔2)अनामिका3)राम की शक्तिपूजा4)गीतिका प्रश्न 02:-कविता को “कल्पना के कानन की रानी” किसने कहा है-1)निराला✔2)पंत3)प्रसाद4)महादेवी प्रश्न 03-पंत, प्रसाद, निराला, महादेवी के बाद छायावाद का पांचवां कवि किसे माना जाता है-1)रामकुमार वर्मा✔2)सियाराम शरण गुप्त3)गया प्रसाद शुक्ल ‘स्नेही’4) मैथिलीशरण गुप्त प्रश्न 04-“छायावाद कवि व्यक्तिगत सौंदर्य…