दलित लेखन धारा की आत्मकथाएं
दलित लेखन धारा की आत्मकथा
- अपने-अपने पिंजरे (भाग-1-1995 ई०); भाग-2-2000 ई०) -मोहन नैमिशराय
- जूठन 1997 ई०)-ओम प्रकाश वाल्मीकि
- मेरा बचपन मेरे कंधो पर (2009 ई०)-श्योराज सिंह बेचैन
- मुर्दहिया (2010 ई०)-डॉ तुलसीदास
- शिकंजे का दर्द (2012 ई०)-सुशीला टाकभौरे