हिंदी साहित्य का आरंभ
हिंदी साहित्य के आरंभ का प्रश्न हिन्दी भाषा के आरंभ से जुड़ा हुआ है.
साहित्य के आरंभ का निर्णय ‘साहित्य की चेतना के आधार पर भी किया ही जा सकता है .
भाषा के विकास की आरंभिक स्थिति तथा उत्तरवर्ती धार्मिक चेतना के मूल रूप को ध्यान में रखकर सिद्ध साहित्य से हिंदी साहित्य का आरंभ मानना पूर्णत: युक्ति संगत है.
सिद्ध कवियों की रचनाएं दो वर्गों में विभाजित हो जाती है :-
- एक ओर उनकी रचनाएँ अपभ्रंश साहित्य के इतिहास में की गई है .
- दूसरी और आरंभिक हिंदी में भी साहित्य लिखने के कारण उनका नाम हिंदी साहित्य के इतिहास में आ जाता है.