हिंदी साहित्य के प्रथम रचना
हिंदी के प्रथम कवि सरहपा की जो रचनाएं मिली हैं वे सभी मुक्तक हैं .
प्रथम रचना के नाम पर किसी एक पुस्तक को प्रस्तुत नहीं किया जा सकता .
यदि एक ग्रंथ के रूप में हिंदी की प्रथम रचना का निर्धारण करना हो, तो जैन आचार्य देवसेन कृत ‘श्रावकाचार’ ग्रंथ का नाम लिया जा सकता है.
- इसमें सरह्पाद की दोहा शैली का विकसित रूप मिलता है.
- देवसेन के इस ग्रंथ में 250 दोहों में श्रावक धर्म का वर्णन किया है .
- गृहस्थ धर्म उस वर्णन का केंद्र है अतः इसमें साहित्यिक तत्वों का अभाव नहीं है .
इस दृष्टि से ग्रंथ के रूप में यह हिंदी की प्रथम साहित्यिक रचना है.