हिन्दी पद्य साहित्य के आधुनिक काल

हिन्दी पद्य साहित्य के आधुनिक काल

हिन्दी पद्य साहित्य के आधुनिक काल आधुनिक काल में लिखी जाने वाली कविता को निम्न भागों में विभाजित किया जा सकता है- नवजागरण काल (भारतेन्दु युग) इस काल की कविता की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह पहली बार जन-जीवन की समस्याओं से सीधे जुड़ती है। इसमें भक्ति और श्रंगार के साथ साथ समाज … Read more

हिन्दी एवं उसके साहित्य का इतिहास

हिन्दी एवं उसके साहित्य का इतिहास 750 ईसा पूर्व – संस्कृत का वैदिक संस्कृत के बाद का क्रमबद्ध विकास।500 ईसा पूर्व – बौद्ध तथा जैन की भाषा प्राकृत का विकास (पूर्वी भारत)।400 ईसा पूर्व – पाणिनि ने संस्कृत व्याकरण लिखा (पश्चिमी भारत)। वैदिक संस्कृत से पाणिनि की काव्य संस्कृत का मानकीकरण। हिन्दी एवं उसके साहित्य … Read more

आरम्भिक हिंदी का व्याकरणिक स्वरुप

आरम्भिक हिंदी का व्याकरणिक स्वरुप ध्वनिगत विशेषतायें :- १.अपभ्रंश में संयुक्त स्वर नहीं थे।हिन्दी में ऐ,ओ,आई,आऊ,इआ आदि संयुक्त स्वर इस काल में प्रयुक्त होने लगे। 2.सब शब्द स्वरांत होते है,व्यंजनांत नहीं;जैसे दिसा,सोहंता,जुगति,अवधू आदि। 3.अगले स्वर पर बलाघात के कारण पूर्व स्वर ह्रस्व हो जाता हैऔर कभी-कभी लुप्त भी हो जाता है।जैसे-अच्छई~छइ,अरण्य~रण्य~रन आदि। 4.ह्रस्वीकरण आरम्भिक हिन्दी … Read more

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