जैन साहित्य की प्रमुख रचनाएं

जैन कवियों ने आचार, रास, पाश, चरित आदि विभिन्न शैलियों में साहित्य लिखा है, लेकिन जैन साहित्य का सबसे अधिक लोकप्रिय रुप 'रास' ग्रन्ध माने जाते है। यह रास ग्रन्थ वीरगाथा रासो से अलग है। रास एक तरह से गेयरुपक है। जैन मंदिरों में आवक लोग

अलंकार परिचय

जो किसी वस्तु को अलंकृत करे वह अलंकार कहलाता है। दूसरे अर्थ में- "काव्य अथवा भाषा को शोभा बनाने वाले मनोरंजक ढंग को अलंकार कहते है।" अलंकार का शाब्दिक अर्थ अलंकार का शाब्दिक अर्थ है 'आभूषण'। "जिस प्रकार सुवर्ण आदि के

निबंध कैसे लिखें

निबंध लिखने का उद्देश्य किसी विषय-वस्तु को तर्क और तथ्यों के साथ उसे व्यवस्थित रूप देते है,जिससे उस विषय वस्तु को और अधिक गहराई से समझा जा सके। किसी भी विषय पर किसी निबंध को लिखने के लिए उस विषय के बारे में पूर्ण जानकारी होना

निबन्ध की शैली व विशेषताएँ

निबन्ध की शैली व विशेषताएँ निबन्ध की शैली(ESSAY STYLE) लिखने के लिए दो बातों की आवश्यकता है- भाव और भाषा। भाव और भाषा को समन्वित करने के ढंग को 'शैली' कहते है। अच्छी शैली वह है, जो पाठक को प्रभावित करे। यह पाठक को शब्दों की

हिन्दी साहित्य में महत्वपूर्ण संस्मरण

हिन्दी साहित्य में महत्वपूर्ण संस्मरण को क्रमशः तिथि वार यहाँ देने का प्रयास किये जा रहे हैं - हिन्दी साहित्य में महत्वपूर्ण संस्मरण 1905अनुमोदन का अन्त (महावीरप्रसाद द्विवेदी)1907इंग्लैंड के देहात में महाराज बनारस का कुआं

निबंध के प्रकार(TYPE OF ESSAY)

निबंध के प्रकार विषय के अनुसार प्रायः सभी निबंध तीन प्रकार के होते हैं : (1) वर्णनात्मक (2) विवरणात्मक (3) विचारात्मक वर्णनात्मक निबंध- किसी सजीव या निर्जीव पदार्थ का वर्णन वर्णनात्मक निबंध कहलाता है। स्थान, दृश्य,

जैन साहित्य के बारे में तथ्य

जैन धर्म के मूल सिद्धान्त जैन धर्म के मूल सिद्धान्त चार बातों पर आधारित हैं - अहिंसा, सत्य भाषण , अस्तेय और अनासक्ति। बाद में ब्रह्माचर्य भी इसमें शामिल कर लिया गया। इस धर्म में बहुत से आचार्य और तीर्थकार हुए. जिनकी संख्या २४ मानी जाती

हिंदी साहित्य का सिद्ध साहित्य

भारतीय साधना के इतिहास में ८ वीं शती में सिद्धों की सत्ता देखी जा सकती है। सिद्ध परम्परा का जन्म बौद्ध धर्म की घोर विकृति के फलस्वरूप माना जाता है। हिन्दी साहित्य का आदिकाल हिंदी साहित्य का सिद्ध साहित्य सिद्ध के बारे में महत्वपूर्ण

शमशेर बहादुर सिंह का साहित्यिक परिचय

शमशेर बहादुर सिंह प्रगतिशील त्रयी के कवि Table of Contentsशमशेर बहादुर सिंह प्रगतिशील त्रयी के कविप्रमुख रचनाएँकुछ विचारकाव्य-पंक्तियाँशमशेर काव्य की विचार-भूमिलिविंग प्रिंसिपल की खोजमार्क्सवाद : व्यक्तित्व निर्माण की आधारभूत सामग्री के