निबन्ध की शैली व विशेषताएँ
निबन्ध की शैली(ESSAY STYLE)
- लिखने के लिए दो बातों की आवश्यकता है- भाव और भाषा।
- भाव और भाषा को समन्वित करने के ढंग को ‘शैली’ कहते है।
- अच्छी शैली वह है, जो पाठक को प्रभावित करे। यह पाठक को शब्दों की उलझन में नहीं डालती।
निबन्ध की विशेषताएँ(Essay Features)
निबन्ध की चार प्रमुख विशेषताएँ हैं-
- (1) व्यक्तित्व का प्रकाशन
- (2)संक्षिप्तता
- (3)एकसूत्रता
- (4)अन्विति का प्रभाव
(1)व्यक्तित्व का प्रकाशन :-
- निबन्ध में निबन्धकार अपने सहज स्वाभाविक रूप से पाठक के सामने प्रकट होता है।
- वह पाठकों से मित्र की तरह खुलकर सहज संलाप करता है।
(2)संक्षिप्तता :-
- निबन्ध जितना छोटा होता है, जितना अधिक गठा होता है।
- शब्दों का व्यर्थ प्रयोग निबन्ध को निकृष्ट बनाता है।
(3)एकसूत्रता :-
- निबन्ध में निबन्धकार स्वयं को अभिव्यक्त करता है; साथ ही उसमें भावों का आवेग भी रहता है। इसका अर्थ कदापि नहीं होता कि निबन्धकार अर्थहीन, भावहीन प्रलाप करें।
(4)अन्विति का प्रभाव :-
- निबन्ध की अन्तिम विशेषता है- अन्विति का प्रभाव (Effect of Totality) ।
- निबन्ध के प्रत्येक विचारचिन्तन, प्रत्येक भाव तथा प्रत्येक आवेग आपस में अन्वित होकर सम्पूर्णता के प्रभाव की सृष्टि करते हैं।