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भाषा विज्ञान

हिंदी व्याकरण की परिभाषा,कार्य व विशेषताएं

हिंदी व्याकरण की परिभाषा,कार्य व विशेषताएं :भाषा की संरचना के ये नियम सीमित होते हैं और भाषा की अभिव्यक्तियाँ असीमित। एक-एक नियम असंख्य अभिव्यक्तियों को नियंत्रित करता है। भाषा के इन नियमों को एक साथ जिस शास्त्र के अंतर्गत अध्ययन किया जाता

शब्द शक्ति से तात्पर्य

भारतीय काव्यशास्त्र में शब्द-शक्तियों के विवेचन की एक सुदीर्घ और सुचिंतित परंपरा रही है। आचार्यों ने शब्द और अर्थ-चिंतन की परंपरा में दार्शनिकों के चिंतन के साथ-साथ व्याकरण के आचार्य चिंतन को प्रसंगानुसार ग्रहण किया है। hindi vyakaran

भाषा की महत्त्व

भाषा की महत्त्व एवं विशेषताएँ भाषा की महत्त्व एवं विशेषताएँ : मनुष्य सामाजिक प्राणी है। समाज में रहने के नाते उसे आपस में सर्वदा ही विचार-विनिमय करना पड़ता है। कभी वह शब्दों या वाक्यों द्वारा अपने आपको प्रकट करता है। तो कभी सिर हिलाने

भाषा की प्रकृति व विशेषताएँ

भाषा के सहज गुण-धर्म को भाषा की प्रकृति कहते हैं। इसे ही भाषा की विशेषता या लक्षण कह सकते हैं। भाषा की प्रकृति व विशेषताएँ भाषा की प्रकृति को दो भागों में विभक्त कर सकते हैं। सर्वमान्य प्रकृति विशिष्ट भाषागत प्रकृति

भाषा के प्रकार्य

इस पोस्ट में भाषा के प्रकार्य के बारें पढेंगे भाषा के प्रकार्य विचारों के आदान – प्रदान का महत्वपूर्ण साधन है। भाषा को मनुष्य सामाजिक संबंधों की अभिव्यक्ति का उपकरण बनाता है। भाषा मानसिक चिंतन प्रक्रिया को पूरा करता है।

भाषा की संरचना एवं भाषिक आधार

भाषा की संरचना एवं भाषिक आधार के इस पोस्ट के अध्ययन के पश्चात् सक्षम होंगे- भाषा की संरचना से परिचित होंगे। भाषा के आधार से अवगत होंगे। . भाषाविज्ञान और हिंदी भाषा भाषा की संरचना भाषा यादृच्छिक ध्वनि-प्रतीकों की संरचनात्मक

भाषा ध्वनि अर्थ परिवर्तन के कारण दिशायें

विषय- भाषा ध्वनि अर्थ परिवर्तन के कारण दिशायें अर्थ विज्ञान प्रश्न 1) अपभ्रंश के प्रथम महाकवि कौन है-1)हेमचंद्र2)स्वयम्बू✔3)जोइन्दु4)रामचंद्रप्रश्न 2) मानक हिंदी का विकास किस बोली से हुआ है-1)खडीबोली हिंदी✔2)ब्रज

भाषा एक प्रतीक व्यवस्था के रूप में

प्रतीक' जिस अर्थ तथा वस्तु की ओर संकेत करता है, वस्तुतः वह संसार में सबके लिए समान होते हैं अंतर केवल प्रतीक के स्तर पर ही होता है। 'किताब' शब्द (प्रतीक) का अर्थ तथा वस्तु किताब तो संसार में हर भाषा-भाषी के लिए समान है अंतर केवल 'प्रतीक' के…

बोली विभाषा एवं भाषा

विभिन्न बोलियां राजनीतिक-सांस्कृतिक आधार पर अपना क्षेत्र बढ़ा सकती है और साहित्य रचना के आधार पर वे अपना स्थान 'बोली' से उच्च करते हुए 'विभाषा' तक पहुँच सकती है। बोली विभाषा एवं भाषा विभाषा का क्षेत्र बोली की अपेक्षा अधिक