कबीरदास पर वस्तुनिष्ठ प्रश्न

हिन्दी वस्तुनिष्ठ प्रश्न

कबीरदास पर वस्तुनिष्ठ प्रश्न 1)भक्तिकाल का उदय “इस्लामी आक्रमण की प्रतिक्रिया स्वरूप”मानने वाले विद्वान है???ग्रिर्यसनशुक्ल✔हजारी प्रसादमुक्तिबोध 2)आचार्य शुक्लानुसार संत काव्य धारा का प्रथम कवि है???कबीरदास✔नामदेवगुरुनानकदेवरैदास 3)हिन्दी मे भक्ति साहित्य की परंपरा का प्रर्वतन किसे किया—रैदासकबीरदास✔नामदेवदादूदयाल 4)असंगत चुनिऐ—कबीर–जुलाहाजंभनाथ –राजपूतमलूकदास-क्षत्रिय✔सुंदरदास-बनिया 5)कबीर की वचनावली की सबसे प्राचीन प्रति कब लिखी गयी है???1400ई1490ई1504ई1512ई✔ 6)राती रानी बिरहनी,ज्यौ बच्चो को कुंज।कबीर … Read more

विनय पत्रिका पर वस्तुनिष्ठ प्रश्न

हिन्दी वस्तुनिष्ठ प्रश्न

विनय पत्रिका पर वस्तुनिष्ठ प्रश्न 1) तुलसीदास ने विनयपत्रिका की रचना किस उद्देश्य से की है- स्वान्तः सुखायबाहुक पीड़ा से मुक्तिलोक कल्याणकलिकाल निवारण✔ 🌸🌸🌸🌸🌸2) “राम के रूप निहारती जानकी कंकन के नग की परछाहीं ” यह पंक्ति किस ग्रंथ से उधृत है विनयपत्रिकारामचरित मानसकवितावली✔गीतावली 💐💐💐💐💐3) आचार्य शुक्ल ने तुलसी कृत ग्रन्थों की संख्या माना है … Read more

कबीर : कबीर ग्रंथावली (आरंभिक 100 पद) सं. श्याम सुन्दर दास

kabirdas

कबीर : कबीर ग्रंथावली (आरंभिक 100 पद) सं. श्याम सुन्दर दास गुरुदेव को अंग सतगुर सवाँन को सगा, सोधी सईं न दाति।हरिजी सवाँन को हितू, हरिजन सईं न जाति॥1॥ बलिहारी गुर आपणैं द्यौं हाड़ी कै बार।जिनि मानिष तैं देवता, करत न लागी बार॥2॥सतगुर की महिमा, अनँत, अनँत किया उपगार।लोचन अनँत उघाड़िया, अनँत दिखावणहार॥3॥ राम नाम … Read more

अष्टछाप के कवि

Hindi Sahity

पुष्टि मार्ग में बल्लभाचार्य ने कवियों (सूरदास, कुंभनदास, परमानंद दास व कृष्णदास) को दीक्षित किया। उनके मरणोपरांत उनके पुत्र विटठलनाथ आचार्य की गद्दी पर बैठे और उन्होंने भी 4 कवियों (छीतस्वामी, गोविंदस्वामी, चतुर्भुजदास व नंददास) को दीक्षित किया। विटठलनाथ ने इन दीक्षित कवियों को मिलाकर ‘अष्टछाप’ की स्थापना 1565 ई० में की। सूरदास इनमें सर्वप्रमुख … Read more

संत काव्य

ज्ञानाश्रयी शाखा/संत काव्य:- संत काव्य के प्रतिनिधि कवि कबीर है ‘संत काव्य’ का सामान्य अर्थ है संतों के द्वारा रचा गया काव्य। लेकिन जब हिन्दी में ‘संत काव्य’ कहा जाता है तो उसका अर्थ होता है निर्गुणोपासक ज्ञानमार्गी कवियों के द्वारा रचा गया काव्य। संत कवि : कबीर, नामदेव, रैदास, नानक, धर्मदास, रज्जब, मलूकदास, दादू, … Read more

राम भक्ति काव्य धारा

राम भक्ति काव्य धारा

रामाश्रयी शाखा/राम भक्ति काव्य:- राम भक्ति काव्य की विशेषताएँ : राम भक्ति काव्य धारा आगे चलकर रीति काल में मर्यादावाद की लीक छोड़कर रसिकोपासना की ओर बढ़ जाती है। ‘तुलसी का सारा काव्य समन्वय की विराट चेष्टा है।’ -हजारी प्रसाद द्विवेदी ‘भारतवर्ष का लोकनायक वही हो सकता है जो समन्वय करने का अपार धैर्य लेकर … Read more

भक्तिकाल की प्रसिद्ध पंक्तियाँ

तुलसीदास की पंक्तियाँ कबीरदास की पंक्तियाँ मलिक मुहम्मद जायसी  की पंक्तियाँ सूरदास की पंक्तियाँ रहीमदास की पंक्तियाँ सुरतिय, नरतिय, नागतिय, सब चाहत अस होय।गोद लिए हुलसी फिरै, तुलसी सो सुत होय।।-रहीम दीरघ दोहा अरथ के, आखर थोरे मांहि।ज्यों रहीम नटकुंडली, सिमिट कूदि चलि जांहि।।-रहीम तब लग ही जीबो भला देबौ होय न धीम।जन में रहिबो … Read more

श्री वल्लभाचार्य जी : सगुण धारा कृष्ण-भक्ति शाखा के कवि

वल्लभाचार्य जी

श्री वल्लभाचार्यजी वैष्णव धर्म के प्रधान प्रवर्त्तकों में से थे। ये वेदशास्त्र में पारंगत धुरंधर विद्वान् थे। वल्लभाचार्य ने सगुण रूप को ही असली पारमार्थिक रूप बताया और निर्गुण को उसका अंशतः तिरोहित रूप कहा। श्री वल्लभाचार्य जी : सगुण धारा कृष्ण-भक्ति शाखा के कवि जीवन परिचय आचार्य जी का जन्म संवत् 1535, वैशाख कृष्ण … Read more

विविध भक्ति सम्प्रदाय

राम भक्ति काव्य धारा

विविध भक्ति सम्प्रदाय 1. अद्वैत सम्प्रदाय (विशिष्टावाद)  -शंकराचार्य2. श्री सम्प्रदाय (विशिष्टाद्वैतवाद) -रामानुजाचार्य3. ब्रह्म सम्प्रदाय (द्वैत वाद) -मध्वाचार्य4. हंस सम्प्रदाय (सनकादि सम्प्रदाय, दवैतादवैतवाद) -निम्बकाचार्य5. वल्लभ सम्प्रदाय (शुद्धाद्वैतवाद) -वल्लभाचार्य6. रुद्र सम्प्रदाय (शुद्ध ब्रह्म मायारहित) -विष्णु स्वामी7. गौड़ीय सम्प्रदाय (भेदाभेदवाद) -चैतन्य महाप्रभु8. सखीसम्प्रदाय (हरिदासी सम्प्रदाय)  -हरिदास 9. रसिक. सम्प्रदाय – अग्रदास10. स्वसुखी सम्प्रदाय -रामचरण दास11. उद्धति  सम्प्रदाय -सहजानंद12.  महापुरुषिया सम्प्रदाय-शांकरदेव13. रामदासी सम्प्रदाय – रामदास14. . तत्सुखी सम्प्रदाय-जीवाराम.15.  राधावल्लभ सम्प्रदाय -गोस्वामी हित हरिवंश16. वारकरी सम्प्रदाय- पुंडलिक 

You cannot copy content of this page