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July 2023

वीभत्स रस

वीभत्स रस बीभत्स भरत तथा धनञ्जय के अनुसार शुद्ध, क्षोभन तथा उद्वेगी नाम से तीन प्रकार का होता है। वीभत्स रस का स्थायी भाव जुगुप्सा या घृणा है। वीभत्स घृणा के भाव को प्रकट करने वाला रस है। यह भाव आलंबन ,

भयानक रस

भयानक रस भयानक कारणभेद से व्याजजन्य या भ्रमजनित, अपराधजन्य या काल्पनिक तथा वित्रासितक या वास्तविक नाम से तीन प्रकार का और स्वनिष्ठ परनिष्ठ भेद से दो प्रकार का माना जाता है। भानुदत्त के अनुसार, ‘भय का परिपोष’ अथवा ‘सम्पूर्ण

कबीर : कबीर ग्रंथावली (आरंभिक 100 पद) सं. श्याम सुन्दर दास

कबीर : कबीर ग्रंथावली (आरंभिक 100 पद) सं. श्याम सुन्दर दास कबीर : कबीर ग्रंथावली (आरंभिक 100 पद) सं. श्याम सुन्दर दासगुरुदेव को अंगकबीर की साखी: गुरुदेव कौ अंग वस्तुनिष्ठ प्रश्न सुमिरन को अंगकबीर की साखियां //सुमिरन को अंग // साखी 1 से

जयशंकर प्रसाद का साहित्यिक परिचय

आज के आर्टिकल में हम हिंदी साहित्य के छायावाद के प्रमुख कवि जयशंकर प्रसाद (Jaishankar Prasad) के जीवन परिचय के बारे में विस्तार से पढेंगे ,आप इसे अच्छे से पढ़ें ।

हिंदी उपन्यास का विकास

हिंदी उपन्यास का विकास हिंदी उपन्यास का आरम्भ हिंदी के प्रारंभिक उपन्यास प्रेमचंद पूर्व उपन्यास { प्रथम उत्थान } प्रेमचंद युग { द्वितीय उत्थान } प्रेमचंदोत्तर युग { तृतीय उत्थान } आधुनिकता बोध के उपन्यास { चतुर्थ उत्थान

प्लेटो पाश्चात्य काव्यशास्त्री

व्यवस्थित शास्त्र के रूप में पाश्चात्य साहित्यालोचन की पहली झलक प्लेटो (427-347 ई० पू०) के 'इओन' नामक संवाद में मिलती है। प्लेटो पाश्चात्य काव्यशास्त्री प्लेटो का संक्षिप्त जीवनवृत्त निम्नांकित है- जन्म-मृत्युजन्म