फ्रॉयड का मनोविश्लेषणवादी सिद्धान्त

मनोविश्लेषणवाद का प्रवर्तक फ्रायड को माना जाता है। फ्रायड ने मानव मस्तिष्क के तीन भाग चेतन, अवचेतन और अर्ध-चेतन किये। उन्होंने काम और व्यक्ति की दमित भावनाओं को सर्वाधिक महत्व दिया। फ्रायड के शिष्य एडलर ने काम की जगह अहम को मुख्य माना जबकि

हिन्दी नाटक का विकास

हिन्दी नाटक का विकास भारतेंदु युग (प्रथम उत्थान) द्विवेदी युग (द्वितीय उत्थान) प्रसाद युग (तृतीय उत्थान ) प्रसादोत्तर नाटक (चतुर्थ उत्थान ) समकालीन नाटक ( पंचम उत्थान)

हिंदी साहित्य इतिहास लेखन की परंपरा

हिन्दी साहित्य का इतिहास लेखन परंपरा हिंदी में साहित्य का इतिहास लेखन की परम्परा की शुरुआत 19 वीं शताब्दी से ही मानी जाती है , लेकिन कुछ पूर्ववर्ती रचनाएं मिलती हैं जो कालक्रम व विषय-वस्तु

निर्गुण काव्य धारा या संत काव्य (ज्ञानाश्रयी शाखा)

ज्ञानाश्रयी शाखा के भक्त-कवि 'निर्गुणवादी' थे, और नाम की उपासना करते थे। गुरु का वे बहुत सम्मान करते थे, और जाति-पाति के भेदों को नहीं मानते थे। वैयक्तिक साधना को वह प्रमुखता देते थे। मिथ्या आडंबरों और रूढियों का विरोध करते थे। साधारण

सगुण भक्ति उद्भव एवं विकास

यहाँ पर सगुण भक्ति उद्भव एवं विकास के बारे में दिया गया हैं जो आपके विविध परीक्षाओं के दृष्टिकोण से बेहद उपयोगी साबित हो सकती हैं. भक्ति हिंदी साहित्य का श्रेष्ठ युग है जिसको जॉर्ज ग्रियर्सन ने स्वर्णकाल, श्यामसुन्दर दास ने स्वर्णयुग,

कृष्णभक्ति शाखा के कवि

कृष्ण भक्ति काव्य धारा से अभिप्राय उस काव्यधारा से है जिसमें कवियों ने भगवान विष्णु के अवतार कृष्ण को आधार बनाकर अपने काव्य ग्रंथों की रचना की। कृष्ण-काव्य-धारा के मुख्य प्रवर्तक हैं- श्री वल्लभाचार्य। उन्होंने निम्बार्क, मध्व और

संधि की परिभाषा, प्रकार, नियम और उदाहरण

संधि हिंदी व्याकरण में एक महत्वपूर्ण विषय है जो शब्दों के मेल को समझाता है। इसका मुख्य उद्देश्य शब्दों की संरचना और उनके स्वरों के संगत समान्यता को बनाए रखना है। यहां संधि की परिभाषा, प्रकार, नियम और उदाहरण दिए जा रहे हैं: परिभाषा:

भाषा का स्वरूप और प्रकार

भाषा विश्व में मानव संवाद का महत्वपूर्ण साधन है। यह लोगों के बीच विचारों, भावनाओं, और ज्ञान का आदान-प्रदान करने का एक माध्यम है। भाषा का स्वरूप और प्रकार निम्नलिखित तरीके से हो सकते हैं: स्वरूप (Nature) - भाषा का स्वरूप उसकी संरचना और

भाषा के अर्थ में हिंदी शब्द का प्रयोग

हिंदी भाषा में शब्दों का प्रयोग अर्थ को स्पष्ट करने और संदेश को समझाने के लिए किया जाता है। यह भाषा भारत की एक मुख्य भाषा है और इसका प्रयोग देश के विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक रूप से होता है। हिंदी शब्दों का उपयोग व्यक्ति की भावनाओं,

हिंदी साहित्य में नई कहानी युग

हिंदी साहित्य में नई कहानी युग का आगमन हो चुका है। इस नए युग में लेखकों ने अपनी कहानियों में नए और अनोखे मुद्दों को उठाने का साहस दिखाया है। पाठकों की मांग और समय की मांग के साथ-साथ, लेखकों ने अपनी कल्पना के रंग में नई दिशाएँ और नए