रस निष्पत्ति
रस निष्पत्ति काव्य को पढ़कर या सुनकर और नाटक को देखकर सहृदय स्रोता पाठक या सामाजिक के चित्त में जो लोकोत्तर आनंद उत्पन्न होता है, वही रस है।
रस के प्रमुख आचार्य :-(1) उत्पत्तिवाद :- (2)अनुमितिवाद :-!-->!-->!-->!-->!-->…