हिन्दी साहित्य का इतिहास कालक्रम

हिन्दी साहित्य का इतिहास कालक्रम

750 ईसा पूर्व – संस्कृत का वैदिक संस्कृत के बाद का क्रमबद्ध विकास।

500 ईसा पूर्व – बौद्ध तथा जैन की भाषा प्राकृत का विकास (पूर्वी भारत)।

400 ईसा पूर्व – पाणिनि ने संस्कृत व्याकरण लिखा (पश्चिमी भारत)। वैदिक संस्कृत से पाणिनि की काव्य संस्कृत का मानकीकरण।

संस्कृत का उद्गम

322 ईसा पूर्व – मौर्यों द्वारा ब्राह्मी लिपिका विकास।

250 ईसा पूर्व – आदि संस्कृत का विकास। (आदि संस्कृत ने धीरे धीरे १०० ईसा पूर्व तक प्राकति का स्थान लिया।)

320 ए. डी. (ईसवी)- गुप्त या सिद्ध मात्रिका लिपि का विकास।

अपभ्रंश तथा आदि-हिन्दी का विकास

400– कालीदास ने “विक्रमोर्वशीयम्” अपभ्रंश में लिखी।

550 – वल्लभी के दर्शन में अपभ्रंश का प्रयोग।

769 – सिद्ध सरहपद (जिन्हें हिन्दी का पहला कवि मानते हैं) ने “दोहाकोश” लिखी।

779 – उदयोतन सुरी कि “कुवलयमल” में अपभ्रंश का प्रयोग।

800 – संस्कृत में बहुत सी रचनायें लिखी गईं।

993 – देवसेन की “शवकचर” (शायद हिन्दी की पहली पुस्तक)।

1100 – आधुनिक देवनागरी लिपि का प्रथम स्वरूप।

1145-1229 – हेमचंद्राचार्य ने अपभ्रंश-व्याकरण की रचना की।

अपभ्रंश का अस्त तथा आधुनिक हिन्दी का विकास

1283 – अमीर ख़ुसरो की पहेली तथा मुकरियाँ में “हिन्दवी” शव्द का सर्वप्रथम उपयोग।

1370 – “हंसवाली” की आसहात ने प्रेम कथाओं की शुरुआत की।

1398-1518 – कबीर की रचनाओं ने निर्गुण भक्ति की नींव रखी।

१1400-1479 – अपभ्रंश के आखरी महान कवि रघु।

1450 – रामानन्द के साथ “सगुण भक्ति” की शुरुआत।

1580 – शुरुआती दक्खिनी का कार्य “कालमितुल हकायत्” — बुर्हनुद्दिन जनम द्वारा।

1585 – नाभादास ने “भक्तमाल” लिखी।

1601 – बनारसीदास ने हिन्दी की पहली आत्मकथा “अर्ध कथानक” लिखी।

1604 – गुरु अर्जुन देव ने कई कवियों की रचनाओं का संकलन “आदि ग्रन्थ” निकाला।

1532-1623 – गोस्वामी तुलसीदास ने “रामचरित मानस” की रचना की।

1623 – जाटमल ने “गोरा बादल की कथा” (खडी बोली की पहली रचना) लिखी।

1643– आचार्य केशव दास ने “रीति” के द्वारा काव्य की शुरुआत की।

1645 – उर्दू का आरंभ

आधुनिक हिन्दी

1796 – देवनागरी रचनाओं की शुरुआती छ्पाई।

1826 – “उदन्त मार्तण्ड” हिन्दी का पहला साप्ताहिक।

1837 – ओम् जय जगदीश के रचयिता श्रद्धाराम फुल्लौरी का जन्म।

1877 – अयोध्या प्रसाद खत्री का हिन्दी व्याकरण, (बिहार बन्धु प्रेस)

1893 – काशी नागरीप्रचारिणी सभा की स्थापना

1 मई 1910 – नागरी प्रचारिणी सभा के तत्वावधान में हिन्दी साहित्य सम्मेलन की स्थापना हुई।

1950– हिन्दी भारत की राजभाषा के रुप में स्थापित।

10-14 जनवरी 1975 – नागपुर में प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन आयोजित

दिसम्बर, 1993 – मॉरीशस में चतुर्थ विश्व हिन्दी सम्मेलन तथा उसके बाद विश्व हिन्दी सचिवालय की स्थापना

1997 – वर्धा में महात्मा गांधी अन्तरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय की स्थापना का अधिनियम संसद द्वारा पारित

2000 – आधुनिक हिंदी का अंतर्राष्ट्रीय विकास

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