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हिंदी साहित्य का कथेतर गद्य

कथेतर साहित्य साहित्य की वह शाखा है जिसमें दर्शाए गए स्थान, व्यक्ति, घटनाएँ और सन्दर्भ पूर्णतः वास्तविकता पर ही आधारित होते हैं। इसके विपरीत कपोलकल्पना है जिसमें कथाएँ कुछ मात्रा में या पूरी तरह लेखक की कल्पना पर आधारित होतीं हैं और उन में कुछ तत्व वास्तविकता से हट के होते हैं।

हिंदी डायरी साहित्य 

हिन्दी डायरी विद्या का प्रवर्तन श्री राम शर्मा कृत 'सेवाग्राम की डायरी' (1946) से माना जाता है। हिंदी डायरी साहित्य  हिंदी डायरी साहित्य हिन्दी डायरी लेखक व डायरी निम्नलिखित हैं- लेखकडायरीघनश्यामदास बिड़लाडायरी के

दलित कविता का विकास

दलित कविता का विकास संत रैदास को हिंदी का प्रथम दलित कवि माना जाता है।आधुनिक युग के दलित कवियों में प्रथम नाम हीरा डोम और स्वामी अच्युतानंद का नाम लिया जाता है।दलित विद्वानों ने सन 1914 ईस्वी में सरस्वती पत्रिका में प्रकाशित हीरा डोम की

हिंदी साहित्य में रेखाचित्र

हिंदी साहित्य में रेखाचित्र HINDI SAHITYA पदम् सिंह शर्मा/पदम् पराग (1929 ई०)श्रीराम शर्मा /बोलती प्रतिमा (1937 ई०)प्रकाशचंद्र गुप्त/शब्द-चित्र एवं रेखा-चित्र (1940 ई०, पुरानी स्मृतियाँ और नये स्केच (1947 ई०)महादेवी वर्मा/अतीत के

हिंदी साहित्य में शोध-प्रबंध

हिंदी साहित्य में शोध-प्रबंध HINDI SAHITYA धीरेन्द्र वर्मा (1897-1973 ई०)/ला लाँग ब्रज (फ्रेंच भाषा में, 1935 ई०, हिन्दी में अनुवाद- 'ब्रजभाषा' नाम से)बाबू राम सक्सेना (1897-1988 ई०)/दि इवॉल्यूशन ऑफ अवधी (अंग्रेजी भाषा में, 1938 ई०,