प्रपद्यवाद या नकेनवाद
नकेनवाद की स्थापना सन् १९५६ में नलिन विलोचन शर्मा ने की थी। नकेनवाद को प्रपद्यवाद के नाम से भी जाना जाता है। इसे हिंदी साहित्य में प्रयोगवाद की एक शाखा माना जाता है। प्रपद्यवाद या नकेनवाद के अंतर्गत तीन कवियों को लिया जाता है- नलिन विलोचन शर्मा, केशरी कुमार, नरेश। प्रयोगवाद का एक दूसरा पहलू बिहार के नलिनविलोचन शर्मा, केशरी और नरेश के … Read more