उत्तर आधुनिकतावाद

आधुनिकतावाद 1970 के दशक में एक क्रांतिकारी फ्रिंज आंदोलन के रूप में शुरू हुआ था, लेकिन 1980 के दशक में ‘डिजाइनर दशक’ का प्रमुख रूप बन गया। ज्वलंत रंग, नाटकीयता और अतिशयोक्ति: सब कुछ एक स्टाइल स्टेटमेंट था।

आधुनिकतावाद (Uttar adhuniktavad) शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग ल्योतार ने 1979 में किया। परंतु इसको व्यापक रूप में परिभाषित करने का कार्य अर्नाल्ड टायनबी ने किया। इन्होंने अपनी पुस्तक A Study of History के माध्यम से सभी को बताया कि अब आधुनिकतावाद का अंत हो चुका हैं। इनका कहना था कि लगभग 1887 में ही आधुनिकतावाद का अंत हो गया हैं।

उत्तर आधुनिकतावाद (Postmodernism) 20 वीं शताब्दी के दूसरे भाग में दर्शनशास्त्रकलावास्तुशास्त्र और आलोचना के क्षेत्रों में फैला एक सांस्कृतिक आंदोलन था जिसने अपने से पहले प्रचलित आधुनिकतावाद को चुनौती दी और सांस्कृतिक वातावरण बदल डाला। उत्तर आधुनिकता के जनक ज्या फ्रांकोइस ल्योतार हैं।

जहां आधुनिकतावाद एक विकासशील रूप था। वही उत्तर आधुनिकतावाद एक विकसित रूप था। आधुनिकतावाद उत्तर आधुनिकतावाद की जननी थी। आधुनिकतावाद के प्रवर्तक में जहाँ सिगमंड फ्राइड का नाम आता हैं। वही उत्तर आधुनिकतावाद के प्रवर्तकों में ल्योतार और अर्नाल्ड टायनबी का नाम प्रमुखता से लिया जाता हैं।

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