टैग: हिन्दी व्याकरण

  • वाक्य के भेद

    वाक्य के भेद

    वाक्य के भेद (1) वाक्य के भेद- रचना के आधार पर रचना के आधार पर वाक्य के तीन भेद होते है-(i)साधरण वाक्य या सरल वाक्य (Simple Sentence)(ii)मिश्रित वाक्य (Complex Sentence)(iii)संयुक्त वाक्य (Compound Sentence) (i)साधारण वाक्य या सरल वाक्य:- जिन वाक्य में एक ही क्रिया होती है, और एक कर्ता होता है, वे साधारण वाक्य कहलाते…

  • पत्र लेखन

    पत्र लेखन

    पत्र लेखन महत्त्वपूर्ण ही नहीं, अपितु अत्यंत आवश्यक है, कैसे? जब आप विद्यालय नहीं जा पाते, तब अवकाश के लिए प्रार्थना-पत्र लिखना पड़ता है। सरकारी व निजी संस्थाओं के अधिकारियों को अपनी समस्याओं आदि की जानकारी देने के लिए पत्र लिखना पड़ता है। पत्र लेखन दूर रहने वाले अपने सबन्धियों अथवा मित्रों की कुशलता जानने…

  • अनुच्छेद लेखन

    किसी एक भाव या विचार को व्यक्त करने के लिए लिखे गये सम्बद्ध और लघु वाक्य-समूह को अनुच्छेद-लेखन कहते हैं।दूसरे शब्दों में- किसी घटना, दृश्य अथवा विषय को संक्षिप्त किन्तु सारगर्भित ढंग से जिस लेखन-शैली में प्रस्तुत किया जाता है, उसे अनुच्छेद-लेखन कहते हैं। अनुच्छेद लेखन ‘अनुच्छेद’ शब्द अंग्रेजी भाषा के ‘Paragraph’ शब्द का हिंदी पर्याय…

  • शब्द शक्ति व प्रकार

    शब्द शक्ति व प्रकार

    काव्य में रस का संचार शब्द-शक्तियों के द्वारा होता हैं। यहाँ शब्दों का विशेष महत्त्व माना गया हैं। काव्य-भाषा में वाक्यों की रचना इस बात की सूचक हैं कि उसमें अनेक प्रकार के शब्दों का प्रयोग प्रकरण, प्रसंग और कवि-आशय के अनुसार हुआ हैं। शब्द शक्ति आचार्य मम्मट ने व्यापार शब्द का और आचार्य विश्वनाथ…

  • वाक्य विचार

    वाक्य विचार

    जिस शब्द समूह से वक्ता या लेखक का पूर्ण अभिप्राय श्रोता या पाठक को समझ में आ जाए, उसे वाक्य कहते हैं।सरल शब्दों में- वह शब्द समूह जिससे पूरी बात समझ में आ जाये, ‘वाक्य’ कहलाता हैै। जैसे- विजय खेल रहा है, बालिका नाच रही हैैै। वाक्य विचार परिभाषा आचार्य विश्वनाथ ने अपने ‘साहित्यदर्पण‘ में लिखा…

  • लिंग

    लिंग

    लिंग के अर्थ ‘लिंग’ संस्कृत भाषा का एक शब्द है, जिसका अर्थ होता है ‘चिह्न’ या ‘निशान’। चिह्न या निशान किसी संज्ञा का ही होता है। ‘संज्ञा’ किसी वस्तु के नाम को कहते है और वस्तु या तो पुरुषजाति की होगी या स्त्रीजाति की। एक, अप्रणिवाचक संज्ञा– लोटा, प्याली, पेड़, पत्ता इत्यादि और दूसरा, प्राणिवाचक…

  • कारक

    कारक

    संज्ञा या सर्वनाम के आगे जब ‘ने’, ‘को’, ‘से’ आदि विभक्तियाँ लगती हैं, तब उनका रूप ही ‘कारक’ कहलाता हैं। कारक संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से वाक्य के अन्य शब्दों के साथ उनका (संज्ञा या सर्वनाम का) सम्बन्ध सूचित हो, उसे (उस रूप को) ‘कारक’ कहते हैं। परिभाषा संज्ञा या सर्वनाम के जिस…

  • वचन की परिभाषा प्रकार व नियम

    वचन की परिभाषा प्रकार व नियम

    शब्द के जिस रूप से एक या एक से अधिक का बोध होता है, उसे हिन्दी व्याकरण में ‘वचन’ कहते है।दूसरे शब्दों में- संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया के जिस रूप से संख्या का बोध हो, उसे ‘वचन’ कहते है। जैसे- फ्रिज में सब्जियाँ रखी हैं।तालाब में मछलियाँ तैर रही हैं।माली पौधे सींच रहा है।कछुआ खरगोश…

  • निबन्ध लेखन

    निबन्ध लेखन

    निबन्ध लिखना भी एक कला हैं। इसे विषय के अनुसार छोटा या बड़ा लिखा जा सकता है। निबंध को प्रबंध, लेख आदि नामों से पुकारा जाता है। निबन्ध लेखन निबन्ध- अपने मानसिक भावों या विचारों को संक्षिप्त रूप से तथा नियन्त्रित ढंग से लिखना ‘निबन्ध’ कहलाता है।दूसरे शब्दों में- किसी विषय पर अपने भावों को पूर्ण…

  • हिन्दी व्याकरण: एकार्थक शब्द

    हिन्दी व्याकरण: एकार्थक शब्द यहाँ कुछ प्रमुख एकार्थक शब्द दिया जा रहा है। ( अ ) अहंकार- मन का गर्व। झूठे अपनेपन का बोध।अनुग्रह- कृपा। किसी छोटे से प्रसत्र होकर उसका कुछ उपकार या भलाई करना।अनुकम्पा- बहुत कृपा। किसी के दुःख से दुखी होकर उसपर की गयी दया।अनुरोध- अनुरोध बराबरवालों से किया जाता है।अभिमान- प्रतिष्ठा में अपने को बड़ा और…

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