Browsing Tag

हिन्दी व्याकरण

छन्द के अंग

वर्णो या मात्राओं के नियमित संख्या के विन्यास से यदि आहाद पैदा हो, तो उसे छन्द कहते है।दूसरे शब्दो में-अक्षरों की संख्या एवं क्रम, मात्रागणना तथा यति-गति से सम्बद्ध विशिष्ट नियमों से नियोजित पद्यरचना 'छन्द' कहलाती है। छन्द

अनेकार्थी शब्द की परिभाषा

भाषा में कुछ ऐसे शब्दों का प्रयोग होता है, जो अनेकार्थी होते हैं। अनेकार्थी शब्द की परिभाषा( अ, आ )( इ, उ )( ए, ओ )( क )( ख )( ग, घ )( च, छ )( ज, ठ )( त, थ )( द )( ध, न )( प, फ )( ब, भ )( म )( य, र )( ल )( व )( श )( स )( ह )

अव्यय की परिभाषा भेद व क्रिया विशेषण

'अव्यय' ऐसे शब्द को कहते हैं, जिसके रूप में लिंग, वचन, पुरुष, कारक इत्यादि के कारण कोई विकार उत्पत्र नही होता। ऐसे शब्द हर स्थिति में अपने मूलरूप में बने रहते है। चूँकि अव्यय का रूपान्तर नहीं होता, इसलिए ऐसे शब्द अविकारी होते हैं।

लिंग

लिंग के अर्थ 'लिंग' संस्कृत भाषा का एक शब्द है, जिसका अर्थ होता है 'चिह्न' या 'निशान'। चिह्न या निशान किसी संज्ञा का ही होता है। 'संज्ञा' किसी वस्तु के नाम को कहते है और वस्तु या तो पुरुषजाति की होगी या स्त्रीजाति की। एक, अप्रणिवाचक

कारक

संज्ञा या सर्वनाम के आगे जब 'ने', 'को', 'से' आदि विभक्तियाँ लगती हैं, तब उनका रूप ही 'कारक' कहलाता हैं। कारक परिभाषाकारक के भेद- कारक संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से वाक्य के अन्य शब्दों के साथ उनका (संज्ञा या सर्वनाम का)

पर्यायवाची शब्द

'पर्याय' का अर्थ है- 'समान' तथा 'वाची' का अर्थ है- 'बोले जाने वाले' अर्थात जिन शब्दों का अर्थ एक जैसा होता है, उन्हें 'पर्यायवाची शब्द' कहते हैं। पर्यायवाची शब्द (Synonyms Words)की परिभाषाकुछ विशिष्ठ पर्यायवाची शब्द आगे दी जा रही

वर्ण की परिभाषा भाग व भेद

वर्ण(Phonology)- वर्ण उस मूल ध्वनि को कहते हैं, जिसके खंड या टुकड़े नहीं किये जा सकते।इसे हम ऐसे भी कह सकते हैं- वह सबसे छोटी ध्वनि जिसके और टुकड़े नहीं किए जा सकते, वर्ण कहलाती है। वर्ण की परिभाषा-वर्ण के भेदस्वर के

उपसर्ग की परिभाषा

उपसर्ग उस शब्दांश या अव्यय को कहते है, जो किसी शब्द के पहले आकर उसका विशेष अर्थ प्रकट करता है। उपसर्ग की परिभाषा उपसर्ग की विशेषताउपसर्ग की संख्या(1) संस्कृत के उपसर्ग(2)हिंदी के उपसर्ग(3)उर्दू के उपसर्ग(4) अंग्रेजी के उपसर्ग(5)

प्रत्यय की परिभाषा

जो शब्दांश, शब्दों के अंत में जुड़कर अर्थ में परिवर्तन लाये, प्रत्यय कहलाते है। प्रत्यय (Suffix)की परिभाषाप्रत्यय के भेद(क)(ख)(ग़)(घ)कृत् प्रत्यय के भेदहिंदी के कृत्-प्रत्यय (Primary suffixes)संस्कृत के कृत्-प्रत्यय और संज्ञाएँहिंदी