आज के आर्टिकल में हम हिंदी साहित्य के छायावाद के प्रमुख कवि जयशंकर प्रसाद (Jaishankar Prasad) के जीवन परिचय के बारे में विस्तार से पढेंगे ,आप इसे अच्छे से पढ़ें ।
छायावादी प्रवृत्तियाँ जिस युग के काव्य में पाई गईं उस साहित्यिक युग को छायावादी युग के नाम से जाना गया। इन प्रवृत्तियों में लिखने वाले लेखकों को छायावादी कवि कहा गया।
छायावाद विशेष रूप से हिंदी साहित्य के रोमांटिक उत्थान की वह!-->!-->!-->!-->…
जयशंकर प्रसाद जी की नाट्य-रचनाएं
हिन्दी नाटक
सज्जन (1910) :
महाभारत के कथानक को लेकर रचा गया नाटक। गंधर्व चित्रसेन दुर्योधन को उसके मित्रों सहित बन्दी बनाता है। युधिष्ठिर के कहने पर अर्जुन चित्रसेन से युद्ध करने जाता है। चित्रसेन!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
स्कंदगुप्त -जयशंकर प्रसाद
स्कन्दगुप्त प्राचीन भारत में तीसरी से पाँचवीं सदी तक शासन करने वाले गुप्त राजवंश के आठवें राजा थे। इनकी राजधानी पाटलिपुत्र थी .
पुरुष-पात्र
स्कंदगुप्त---युवराज (विक्रमादित्य)
कुमारगुप्त---मगध का सम्राट!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…