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हिंदी का विकास

भारतीय आर्य भाषाएँ

यहाँ पर भारतीय आर्य भाषा के बारे में दिया गया हैं जो आपके विविध परीक्षाओं के दृष्टिकोण से बेहद उपयोगी साबित हो सकती हैं. भारतीय आर्य भाषाएँ हिन्द-आर्य भाषाएँ हिन्द-यूरोपीय भाषाओं की हिन्द-ईरानी शाखा की एक उपशाखा हैं, जिसे

हिंदी की व्युत्पत्ति

हिंदी की व्युत्पत्ति हिन्दी शब्द का सम्बंध संस्कृत शब्द 'सिन्धु' से माना जाता है। यह सिन्धु शब्द ईरानी में जाकर ‘हिन्दू’, हिन्दी और फिर ‘हिन्द’ हो गया। बाद में ईरानी धीरे-धीरे भारत के अधिक भागों से परिचित होते गए और इस शब्द के अर्थ में

देवनागरी लिपि

प्राचीन नागरी लिपि का प्रचार उत्तर भारत में नवीं सदी के अंतिम चरण से मिलता है, यह मूलत: उत्तरी लिपि है, पर दक्षिण भारत में भी कुछ स्थानों पर आठवीं सदी से यह मिलती है। दक्षिण में इसका नाम नागरी न होकर नंद नागरी है। आधुनिक काल की

हिन्दी कहानी का विकास

हिन्दी कहानी का विकास Q.1 हिन्दी कहानी का उद्भव किस युग से माना जाता है (अ)प्रसाद युग(ब)प्रसादोत्तर युग (स) शुक्ल युग(द)शुक्लोत्तर युग✔Q.2 दामुल का कैदी कहानी के लेखक हैं ?(अ)यशपाल (ब)प्रेमचन्द (स)जयशंकर प्रसाद (द)धर्मवीर भारतीQ.3

भाषा विज्ञान के अध्ययन की पद्धतियां

भाषा विज्ञान के अध्ययन की पद्धतियां भाषा विज्ञान के अध्ययन के चार पद्धतियां मुख्य रूप से प्रचलित है। वर्णनात्मक भाषा विज्ञान वर्णनात्मक भाषा विज्ञान के अंतर्गत किसी विशिष्ट काल की किसी एक विशेष भाषा का अध्ययन किया जाता है।

हिन्दी भाषा के मानकीकरण की दिशा में उठाये गए महत्वपूर्ण कदम

हिन्दी भाषा के मानकीकरण की दिशा में उठाये गए महत्वपूर्ण कदम (1) राजा शिवप्रसाद 'सितारे-हिन्द' ने क ख ग ज फ पाँच अरबी-फारसी ध्वनियों के लिए चिह्नों के नीचे नुक्ता लगाने का रिवाज आरंभ किया। (2) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र ने

विश्व की भाषाएँ एवं वर्गीकरण

आपस में सम्बंधित भाषाओं को भाषा-परिवार कहते हैं। हिन्दी साहित्य : विश्व की भाषाएँ विश्व की भाषाएँ एवं वर्गीकरण इस समय संसार की भाषाओं की तीन अवस्थाएँ हैं। भाषाओं की तीन अवस्थाएँ विभिन्न देशों की