भाषा परिवर्तन पर वस्तुनिष्ठ प्रश्न

भाषा परिवर्तन पर वस्तुनिष्ठ प्रश्न

हिन्दी वस्तुनिष्ठ प्रश्न
हिन्दी वस्तुनिष्ठ प्रश्न

1, भाषा वह साधन है जिसके माध्यम से हम सोचते है तथा अपने विचारों को व्यक्त करते है।
उपरोक्त परिभाषा किसका है

1 प्लेटो
2 क्रोचे
3 स्वीट
4 भोलानाथ तिवारी♥️

2 भाषा के सम्बंध में कौन सा कथन असत्य है।

1 भाषा पैतृक सम्पति नही है
2 भाषा का अंतिम रूप होता है♥️
3 भाषा की एक भौगोलिक सीमा होती है।
4 भाषा परिवर्तनशील है

3 भाषा के अंग नही है

1 ध्वनि
2 रूप
3 शब्द
4 शक्ति♥️

4 तुलसीदास के साथ जुड़ा गोस्वामी शब्द किसका उदाहरण है।

1 बल का अपसरण♥️
2 परिवेश भिन्नता
3 नम्रता प्रदर्शन
4 सभी का।

5 सूर्य से सूरज और डजन से दर्जन का बनना किसका उदाहरण है।

1 लोप
2 आगम ♥️
3 विपर्यय
4 इनमे से कोई नही

6 विश्व में भाषा के विभिन्नता के क्या कारण है।
1 प्रकृति
2 यादृक्षिकता❤️
3 दोनों
4 इनमे से कोई नही

7 चक्र का चक्का किस ध्वनि प्रवृति का उदाहरण है।

1 समीकरण ♥️
2 विपर्यय
3 आगम
4 लोप

8 भाषा मे परिवर्तन किस स्तर में नही होता है।

1 ध्वनि परिवर्तन
2 रूप परिवर्तन
3 लिपि परिवर्तन ♥️
4 वाक्य रचना परिवर्तन

9 ध्वनियों का भावों और विचारों का सम्बन्ध होता है।

1 सहज
2 असहज
3 यादृक्षिक♥️
4 आंतरिक

10 खड़ीबोली हिंदी का एक अन्य नाम नही है।

1 हिंदुस्तानी
2 नागरी
3 मध्यदेशी♥️
4 कौरवी

11 भोलानाथ तिवारी ने किसे स्वरों में स्थान नही देते।

1 ओ
2 औ
3 ऋ ♥️
4 ऐ

12 किन ध्वनियों का उच्चारण बिना स्वरों के नही किया जा सकता ।

1 उत्क्षिप्त ध्वनियों का।
2 अयोगवाह का
3 स्वर ध्वनियों का
4 व्यंजन ध्वनियों का ♥️

13 निम्न भाषा विद्वानों में से किसने अपभ्रश को देशभाषा माना है।

1 पिलेश, ग्रियर्सन
2 भंडारकर, चटर्जी
3 वुलनर
4सभी ने♥️

14 यदि किसी शब्द का अर्थ अमूर्त होता है किंतु कालांतर में वह अमूर्त अर्थ लुप्त होकर उसके स्थान पर कोई मूर्त अर्थ प्रचलित हो जाता है तो वहाँ अर्थ का मूर्तिकरण होता है। यहाँ अर्थ का मूर्तिकरण होना किसका कथन है।

1 भोलानाथ तिवारी
2 द्वारिका प्रसाद सक्सेना ♥️
3 कपिलदेव द्विवेदी
4 कोई नही

15 गो ,गम ,जाना , यह प्रक्रिया क्या कहलाता है।

1 शब्द समूह
2 वाक्य परिवर्तन
3 ध्वनि परिवर्तन
4 रूप प्रक्रिया परिवर्तन ♥️

16 कोकिल से कोयल किसका उदाहरण है ।

1 स्वर लोप
2 व्यंजन लोप♥️
3 स्वरागम
4 व्यंजनागम

You might also like
Leave A Reply