चिंतामणि के तीन भाग हैं
चिंतामणि 1
सन् १९३९ में प्रकाशित आचार्य रामचंद्र शुक्ल द्वारा रचित हिन्दी का निबंधात्मक (समालोचना)ग्रंथ है।
जिसके प्रमुख निबन्ध हैं-
भाव या मनोविकार, उत्साह, श्रद्धा और भक्ति, करुणा, लज्जा और ग्लानि, घृणा, ईर्ष्या, भय, क्रोध, कविता क्या है, काव्य में लोक मंगल की साधनावस्था।
चिंतामणि 2
सन् १९४५ ई. में विश्वनाथ प्रसाद मिश्र के संपादन में प्रकाशित हुआ था।
चिंतामणि 3
चिंतामणि का तीसरा भाग नामवर सिंह के संपादन में सन् १९८३ में प्रकाशित हुआ था।