आधेअधूरे, अंधा युग और स्कंदगुप्त प्रश्नोत्तरी
1. आधे अधुरे का रचना वर्ष है?
1958
1963
1969 (सही)
1970
2. अंधा युग में कितने अंक हैं?
5 (सही)
6
7
8
3.”अश्वत्थामा का अर्ध सत्य” कौन सा अंक है?
4
3 (सही)
5
6
4.संजय का चित्रण किस रूप में किया गया है?
धुरी (सही)
रथ
पहिया
पंख
5. आधे अधुरे के संदर्भ में गलत कथन है?
१. महेंद्र नाथ सावित्री से प्रेम करता है.
२. पुरूष 3 का 5000 रूपये कमाता था.
३. सावित्री शिवजीत से प्रेम करती थी.
४. उपरोक्त सभी (सही)
6.अंधा युग में कृष्ण को मर्यादाहीन कूटबुद्धि किसने कहा?
गांधारी
धृतराष्ट्र
युयुत्सु
बलराम (सही)
7. “आधे अधूरे” नाटक किस शहर से आधारित है
कानपुर
लखनऊ
दिल्ली (सही)
आगरा
8. आधे अधूरे नाटक में किस पात्र को साहित्यिक गतिविधियों में रुचि थी ?
जुनेजा
जगमोहन
सिंघानिया (सही)
अशोक
9.किसने प्रभु की मृत्यु को कायर मरण कहा है?
अश्वत्थामा
युयुत्सु (सही)
वृद्ध व्याध
संजय
10.अंधा युग में पुरुष पात्रों की संख्या है?
15
16
17 (सही)
18
11.”विश्व भर की शांति रजनी का मैं ही धूमकेतु हूँ ” किसका कथन है?
स्कंदगुप्त (सही)
भटार्क
प्रपंचबुद्धि
सर्वनाग
12.”निर्लज्ज हार कर भी नहीं हारता ,मर कर भी नहीं मरता” कथन किसके लिए है?
भटार्क
विजया(सही)
स्कंदगुप्त
देवसेना
13. “अरे जड़, मूक-बधिर ,प्रकृति के टीले” यह कथन किसका है?
चक्रपालित
भीमवर्मा
सर्वनाग (सही)
धातुसेन
14.अंधा युग में कौन सा पात्र अपने आपको कर्म लोक से बहिष्कृत मानता है?
संजय
अश्वत्थामा
विदुर
युयुत्सु (सही)
15. स्कंदगुप्त का समय कब माना जाता है?
4 सदी
5 सदी (सही)
6 सदी
7 सदी
16. “रसानुभूति के अनंत प्रकार नियम बद्ध उपायों से नहीं प्रदर्शित किए जाते “किसका कथन है?
ओम शिवपुरी
जयशंकर प्रसाद (सही)
धर्मवीर भारती
मोहन राकेश
17.स्कंद गुप्त की कथावस्तु कितने दृश्यों में प्रस्तुत की गई है?
32
34
35
33 (सही)
18. स्कंद गुप्त में कुल कितने गीत हैं?
11
13
15 (सही)
17
19. विजया और देवसेना का शमशान भूमि में मिलन होता है:
3 अंक व 5 दृश्य
4 अंक व 5 दृश्य
3 अंक व 2 दृश्य (सही)
4 अंक व 3 दृश्य
20.”मुद्राराक्षस” किसका अनुदित नाटक है?
जयशंकर प्रसाद
धर्मवीर भारती
भारतेन्दु हरिश्चन्द्र (सही)
महावीर प्रसाद द्विवेदी
21. आधे अधुरे का रचना वर्ष है?
1958
1963
1969✔
1970
22. अंधा युग में कितने अंक हैं?
5✔
6
7
8
23.”अश्वत्थामा का अर्ध सत्य” कौन सा अंक है?
4
3✔
5
6
24.संजय का चित्रण किस रूप में किया गया है?
धुरी
रथ
पहिया✔
पंख
25. आधे अधुरे के संदर्भ में गलत कथन है?
१. महेंद्र नाथ सावित्री से प्रेम करता है.
२. पुरूष 3 का 5000 रूपये कमाता था.✔
३. सावित्री शिवजीत से प्रेम करती थी.
४. उपरोक्त सभी.
26.अंधा युग में कृष्ण को मर्यादाहीन कूटबुद्धि किसने कहा?
गांधारी
धृतराष्ट्र
युयुत्सु
बलराम✔
27. “आधे अधूरे” नाटक किस शहर से आधारित है
कानपुर
लखनऊ
दिल्ली✔
आगरा
28. आधे अधूरे नाटक में किस पात्र को साहित्यिक गतिविधियों में रुचि थी ?
जुनेजा
जगमोहन
सिंघानिया ✔
अशोक
29.किसने प्रभु की मृत्यु को कायर मरण कहा है?
अश्वत्थामा
युयुत्सु✔
वृद्ध व्याध
संजय
30.अंधा युग में पात्रों की संख्या है?
15
16✔
17
18
31.”विश्व भर की शांति रजनी का मैं ही धूमकेतु हूँ ” किसका कथन है?
स्कंदगुप्त✔
भटार्क
प्रपंचबुद्धि
सर्वनाग
32.”निर्लज्ज हार कर भी नहीं हारता ,मर कर भी नहीं मरता” कथन किसके लिए है?
भटार्क
विजया✔
स्कंदगुप्त
देवसेना
33. “अरे जड़, मूक-बधिर ,प्रकृति के टीले” यह कथन किसका है?
चक्रपालित
भीमवर्मा
सर्वनाग✔
धातुसेन
34.अंधा युग में कौन सा पात्र अपने आपको कर्म लोक से बहिष्कृत मानता है?
संजय
अश्वत्थामा
विदुर
युयुत्सु✔
35. स्कंदगुप्त का समय कब मानी जाती है?
4 सदी
5 सदी✔
6 सदी
7 सदी
36. “रसानुभूति के अनंत प्रकार नियम बद्ध उपायों से नहीं प्रदर्शित किए जाते “किसका कथन है?
ओम शिवपुरी
जयशंकर प्रसाद✔
धर्मवीर भारती
मोहन राकेश
37.स्कंद गुप्त की कथावस्तु कितने दृश्यों में में में में प्रस्तुत की गई है?
32
34
35
33✔
38. स्कंद गुप्त में कुल कितने गीत हैं?
11
13
15✔
17
39. विजया और देवसेना का शमशान भूमि में मिलन होती है:
3 अंक व 5 दृश्य
4 अंक व 5 दृश्य
3 अंक व 2 दृश्य ✔
4 अंक व 3 दृश्य
40.”मुद्राराक्षस” किसकी अनुदित नाटक है?
जयशंकर प्रसाद
धर्मवीर भारती
भारतेन्दु हरिश्चन्द्र✔
महावीर प्रसाद द्विवेदी
41.”मैं किसी न किसी अंश में आप में में में से हर एक व्यक्ति हूं”
किस नाटक में उद्धृत है?
स्कंद गुप्त
अंधा युग
आधे अधूरे
इनमें से कोई नहीं
12.अशोक इनमें से किन की तस्वीर नहीं काटी?
एलिजाबेथ टेलर
मोनालिसा
आर्डे हेबर्न
सर्ले मैक्लेन
43.सावित्री के अनुसार लोगों को उसके बारे में किस बात से ईर्ष्या है?
वह नौकरी करती है
वह कई पुरुषों को जानती है
उसके बास दो बार मिलने आ चुके हैं
उपरोक्त में से सभी
44.सावित्री से मिलने सबसे पहले कौन आया करता था?
जगमोहन
मनोज
सिंघानिया
जुनेजा
45.”तुम्हारा कुछ भी करना किसी ने किसी वजह से गलत होता है ” किसका कथन है?
महेंद्र नाथ
सावित्री
जुनेजा
अशोक
46.”आदमी जो जवाब दे वह उसके चेहरे से भी झलकना चाहिए” यह कथन किसके लिए है?
महेंद्रनाथ
सावित्री
बीना
अशोक
47. “आधे अधूरे” नाटक किस शहर से आधारित है
कानपुर
लखनऊ
दिल्ली
आगरा
48. आधे अधूरे नाटक में किसे साहित्यिक गतिविधियों में रुचि थी ?
जुनेजा
जगमोहन
सिंघानिया
अशोक
49. आधे अधूरे नाटक में “वर्णा” कौन है?
किन्नी की सहेली
जूनेजा की बेटी
सावित्री की सहकर्मी
इनमें से कोई भी नहीं.
50. महेंद्रनाथ और सावित्री के शादीशुदा जिंदगी को कितने वर्ष हो गए?
10 वर्ष
22 वर्ष
12 वर्ष
20 वर्ष
51.स्कंद गुप्त नाटक के कौन से अंक में विजया सर्वनाग के साथ देश कल्याण की शपथ लेती है?
5 वें
4 थें
3 रें
6 वें
52.भटार्क के के कटु शब्दों को सहन न कर पाने से किसकी मृत्यु हो जाती है
कमला
विजया
देवकी
अनंत देवी
53. “जो कुछ हो हम तो साम्राज्य के सैनिक हैं ” किसका कथन है ?
पर्ण दत्त
स्कंदगुप्त
चक्रपालित
मातृगुप्त
54.”विश्व भर की शांति रजनी का मैं ही धूमकेतु हूँ ” किसका कथन है?
स्कंदगुप्त
भटार्क
प्रपंचबुद्धि
सर्वनाग
55.”निर्लज्ज हार कर भी नहीं हारता ,मर कर भी नहीं मरता” कथन किसके लिए है?
भटार्क
विजया
स्कंदगुप्त
देवसेना
56.स्कंद गुप्त नाटक में किसे सुख-शर्वरी की सांध्य तारा के समान कहा गया है?
देवसेना
देवकी
मालिनी
विजया
57.स्कंद गुप्त नाटक में किस पात्र ने कविता को मूर्ख हृदय का आहार समझा है?
देवसेना
मातृगुप्त
कुमारदास
विजया
58. “अरे जड़, मूक-बधिर ,प्रकृति के टीले” यह कथन किसका है?
चक्रपालित
भीमवर्मा
सर्वनाग
धातुसेन
59.स्कंद गुप्त नाटक में किस पात्र प्रेम से ज्यादा महत्व धन को दिया है ?
विजया
सर्वनाग
अनंतदेवी
भटार्क
60.अंधा युग काव्य नाटिका में कौन सा पात्र अपने आपको कर्म लोक से बहिष्कृत मानता है?
संजय
अश्वत्थामा
विदुर
युयुत्सु
61. अंधा युग में अश्वत्थामा को विजय होने का आशीर्वाद कौन प्रदान करते हैं?
गांधारी
दुर्योधन
बलराम
कृपाचार्य
इनमें से कोई नहीं
62.किसने प्रभु की मृत्यु को कायर मरण कहा है?
अश्वत्थामा
युयुत्सु
वृद्ध व्याध
संजय
63.अंधा युग में पात्रों की संख्या है?
15
16
17
18
64.अंधा युग में कृष्ण को मर्यादाहीन कूटबुद्धि किसने कहा?
गांधारी
धृतराष्ट्र
युयुत्सु
बलराम
65. “नरो वा कुंजरो वा” अंधा युग में किसका कथन है?
शिव
कृष्ण
युधिष्ठिर
अश्वत्थामा