टी एस एलियट पाश्चात्य काव्यशास्त्री

टी एस एलियट की काव्य कृतियां:

हिन्दी काव्यशास्त्र
हिन्दी काव्यशास्त्र

द वेस्टलैंड

आपको वास्तविक ख्याति ‘द वेस्टलैंड’ (१९२२) द्वारा प्राप्त हुई। मुक्त छंद में लिखे तथा विभिन्न साहित्यिक संदर्भो एवं उद्धरणों से पूर्ण इस काव्य में समाज की तत्कालीन परिस्थिति का अत्यंत नैराश्यपूर्ण चित्र खींचा गया है। इसमें कवि ने जान बूझकर अनाकर्षक एवं कुरूप उपमानों का प्रयोग किया है जिससे वह पाठकों की भावना को ठेस पहुँचाकर उन्हें समाज की वास्तविक दशा का ज्ञान करा सके। उसके मत में संसार एक ‘मरूभूमि’ है-आध्यात्मिक दृष्टि से अनुर्वर तथा भौतिक दृष्टि से अस्त व्यस्त।

‘ऐश वेन्सडे’ (१९३०) और ‘फ़ोर क्वार्टेट्स’ (१९४४)

 धार्मिकता की भावना से पूर्ण है

आलोचना

‘द सैक्रेड वुड'(१९२०),

‘द यूस ऑव पोएट्री ऐंड द यूस ऑव क्रिटिसिज्म’ (१९३३) तथा

‘आन पोएट्री ऐंड पोएट्स’ (१९५७)

नाटक

  • ‘मर्डर इन द कैथीड्रल’ (१९३५), ‘
  • फैमिली रियूनियन’ (१९३९),
  • ‘द काकटेल पार्टी’ (१९५०)
  • , ‘द कान्फ़िडेंशल क्लाक’ (१९५५),
  • ‘द एल्डर स्टेट्समैन’ (१९५८)।

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