Browsing Tag

पाश्चात्य काव्यशास्त्र

अभिव्यंजनावाद पर वस्तुनिष्ठ प्रश्न

अभिव्यञ्जनावाद एक आधुनिकतावादी आन्दोलन था जो 20वीं शताब्दी के आरम्भ में जर्मनी से आरम्भ हुआ था। पहले यह काव्य (पोएट्री) और चित्रकला के क्षेत्र में आया था। अभिव्यंजनावाद के प्रवर्तक बेनेदेत्तो क्रोचे (Benedetto Croce) मूलतः आत्मवादी

पाश्चात्य काव्यशास्त्री और उनकी रचनायें

पाश्चात्य काव्यशास्त्री और उनकी रचनायें प्लेटोगणतन्त्रअरस्तुपोयटिक्स , पेरिपोइटिकेसलोंजाइन्सपेरिइप्सुसक्रोचेएस्थेटिकवड्सवर्थलिरिकल बेलेडस, ऐन इवनिंग वॉक ऐंड डिस्क्रिप्ट स्केचेज, द प्रिल्यूडसिमोन द बुआद सेकंड सेक्सकॉलरिज–पोयम्स,द

अनुकरण सिद्धांत विरेचन सिद्धांत अभिव्यंजनावाद

अनुकरण सिद्धांत विरेचन सिद्धांत अभिव्यंजनावाद 1. कला और साहित्य के संदर्भ में प्लेटो की मान्यताओं पर विचार कीजिए-1. वह आनंददायक हो2. वह सौन्दर्ययुक्त हो 3. वह उपयोगी हो4. वह सत्य, न्याय, और सदाचार की भावना को प्रतिष्ठित करने में सहायक

पाश्चात्य काव्यशास्त्र प्रश्नोत्तरी

पाश्चात्य काव्यशास्त्र प्रश्नोत्तरी प्लेटो का समय है -427-347 ई.पूर्व प्लेटो का जन्म हुआ था?- एथेंस में प्लेटो का मूल नाम था? -रिस्तोक्लीस (प्लेटो अंग्रेजी नाम # अफलातून अरबी नाम #प्लातोन गुरु प्रदत्त नाम) प्लेटों किस प्रकार

पाश्चात्य काव्यशास्त्र के वाद

पाश्चात्य काव्यशास्त्र के वाद हिन्दी काव्यशास्त्र अरस्तू का विरेचन सिद्धांत  अरस्तू के द्वारा प्रयुक्त शब्द कैथार्सिस का अर्थ है सफाई करना या अशुद्धियों को दूर करना, अतः कैथार्सिस का व्युत्पत्तिपरक अर्थ हुआ शुद्धिकरण। अरस्तू ने

टी एस एलियट पाश्चात्य काव्यशास्त्री

टी एस एलियट की काव्य कृतियां: हिन्दी काव्यशास्त्र द वेस्टलैंड आपको वास्तविक ख्याति 'द वेस्टलैंड' (१९२२) द्वारा प्राप्त हुई। मुक्त छंद में लिखे तथा विभिन्न साहित्यिक संदर्भो एवं उद्धरणों से पूर्ण इस काव्य में समाज की तत्कालीन