भारतेंदु युग के काव्य प्रवृत्तियाँ
भारतेंदु युग के काव्य प्रवृत्तियाँ
भारतेंदु युग ने हिंदी कविता को रीतिकाल के शृंगारपूर्ण और राज-आश्रय के वातावरण से निकाल कर राष्ट्रप्रेम, समाज-सुधार आदि की स्वस्थ भावनाओं से ओत-प्रेत कर उसे सामान्य जन से जोड़ दिया।
इस युग की काव्य!-->!-->!-->!-->!-->…