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साहित्यकार

चंदरबरदाई का साहित्यिक परिचय

चंदरबरदाई का साहित्यिक परिचय चंदबरदाई (जन्म: संवत 1205 तदनुसार 1148 ई० लाहौर वर्तमान पाकिस्तान में - मृत्यु: संवत 1249 तदनुसार 1192 ई० गज़नी) हिन्दी साहित्य के आदिकालीन कवि तथा पृथ्वीराज चौहान के मित्र थे। उन्होने पृथ्वीराज रासो

सुन्दरदास का साहित्यिक परिचय

सुन्दरदास का जन्म जयपुर राज्य की प्राचीन राजधानी दौसा में रहने वाले खंडेलवाल वैश्य परिवार में चैत्र शुक्ल 9, सं. 1653 वि. को हुआ था। माता का नाम सती और पिता का नाम परमानंद था। ६ वर्ष की अवस्था में ये प्रसिद्ध संत दादू के शिष्य बने और

वल्लभाचार्य का साहित्यिक परिचय

श्रीवल्लभाचार्यजी को वैश्वानरावतार (अग्नि का अवतार) कहा गया है। वे वेदशास्त्र में पारंगत थे। वर्तमान में इसे वल्लभसम्प्रदाय या पुष्टिमार्ग(pushtimarg) सम्प्रदाय के नाम से जाना जाता है। और वल्लभसम्प्रदाय वैष्णव सम्प्रदाय अन्तर्गत आते हैं।

रामानंद का साहित्यिक परिचय

रामानन्दी सम्प्रदाय (बैरागी सम्प्रदाय) के प्रवर्तक रामानन्दाचार्य का जन्म सम्वत् 1236 में हुआ था।रामानन्द जी के पिता का नाम पुण्यसदन और माता का नाम सुशीला देवी था। श्री रामानंद मध्ययुगीन उदार चेतना के जन्मदाता, भक्ति आंदोलन के

नरोत्तमदास का साहित्यिक परिचय

नरोत्तमदास हिन्दी के प्रमुख साहित्यकार थे। इनका जन्म (1550-1605) उत्तर प्रदेश के जिला सीतापुर मेंं तहसील सिधौली के ग्राम बाड़ी नामक स्थान में हुआ था | इनका जन्म सन् १५५० विक्रम (तदनुसार १४९३ ईसवी) के लगभग वर्तमान उत्तरप्रदेश के सीतापुर

विट्ठलनाथ का साहित्यिक परिचय

विट्ठलनाथ का साहित्यिक परिचय गुसाईं विट्ठलनाथ का जन्म काशी के निकट चरणाट ग्राम में पौष कृष्ण नवमी को संवत्‌ १५७२ (सन्‌ १५१५ ई.) में हुआ। इनका शैशव काशी तथा प्रयाग के निकट अड़ैल नामक स्थान में व्यतीत हुआ। संवत्‌ १६४२ वि. (सन्‌ १५८५

रैदास या रविदास का साहित्यिक परिचय

रैदास या रविदास रैदास (रविदास) रामानन्द की शिष्य परम्परा और कबीर के समकालीन कवि थे। रैदास काजन्म सन् 1299 ई. में काशी में माघ पूर्णिमा दिन रविवार को संवत 1433 को हुआ था उनका एक दोहा प्रचलित है। चौदह से तैंतीस कि माघ सुदी पन्दरास।

नाभादास का साहित्यिक परिचय

भक्तिकाल के कवियों में स्वामी अग्रदास के शिष्य नाभादास का विशिष्ट स्थान है। अंतस्साक्ष्य के अभाव में इनकी जन्म तथा मृत्यु की तिथियाँ अनिश्चित हैं। इनके प्रसिद्ध ग्रंथ 'भक्तमाल' की टीका प्रियादास जी ने संवत्‌ 1769 में, सौ वर्ष बाद, लिखी

रहीमदास का साहित्यिक परिचय

अब्दुर्रहीम ख़ान-ए-ख़ाना या रहीम, एक मध्यकालीन कवि, सेनापति, प्रशासक, आश्रयदाता, दानवीर, कूटनीतिज्ञ, बहुभाषाविद, कलाप्रेमी, एवं विद्वान थे। वे भारतीय सामासिक संस्कृति के अनन्य आराधक तथा सभी संप्रदायों के प्रति समादर भाव के सत्यनिष्ठ साधक

गुरु नानक देव का साहित्यिक परिचय

गुरु नानक का जन्म संवत 1526 में तलवंडी नामक गाँव में हुआ। इनके माता-पिता का नाम तृप्ता व कालूराम था। इन का विवाह गुरुदास पूर के मूलचन्द्रखत्री की बेटी सुलक्षणी से सत्रह वर्ष की आयु में हुआ था। इन का दो पुत्र थे- श्रीचन्द और लक्ष्मीचंद ।