काव्य हेतु

हिन्दी काव्यशास्त्र

काव्य हेतु का तात्पर्य कवि-कर्म के कारण से है । काव्य हेतु की परिभाषा काव्य-हेतु अर्थात काव्य की रचना करने वाले कवि में ऐसी कौन सी विलक्षण शक्ति /कारण/तत्व है जिसके द्वारा वह साधारण मानव होते हुये भी असाधारण काव्य की सर्जना कर देता है। काव्य-हेतु के अंतर्गत तीन साधन या कारण मुख्य रूप से … Read more

काव्य प्रयोजन

हिन्दी काव्यशास्त्र

काव्य रचना का उद्देश्य ही काव्य प्रयोजन होता है. संस्कृत आचार्यों के अनुसार काव्य-प्रयोजन भरत मुनि – धर्म्यं यशस्यं आयुष्यं हितं बुद्धि विवर्धनम्।लोको उपदेश जननम् नाट्यमेतद् भविष्यति।। भरत मुनि धर्म, यश, आयु-साधक, हितकर, बुद्धि-वर्धक और लोक उपदेश। (एक स्थान पर इन्होंने पीङित मनुष्य को विश्रांति करना भी काव्य का एक प्रयोजन माना है।) भामह – … Read more

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