हिंदी आलोचना का इतिहास

हिंदी आलोचना का इतिहास आलोचना की शुरुआत वास्तविक तौर से आधुनिक या भारतेंदु युग से माना जाता है| आलोचक निम्न आधारों पर आलोचना के विकास को बताते हैं- आधुनिक काल के पूर्व की आलोचना:- आधुनिक काल के पूर्व आदिकाल एवं भक्तिकाल हिंदी साहित्य के प्रारंभिक दो काल रहे हैं| परंतु इस काल में आलोचना का … Read more

हिंदी आलोचना

हिंदी आलोचना का तात्पर्य है, किसी वस्तु, रचना या कृति का मूल्यांकन करना| किसी भी रचना को समझने के लिए आलोचना को समझना आवश्यक है| आलोचक किसी भी रचना का मूल्यांकन एवं विश्लेषण करता है, साथ ही पाठक के समझ का भी विस्तार करता है क्योंकि आलोचना के माध्यम से पाठक किसी रचना के गुण-दोष … Read more

हिंदी आलोचना (Criticism)

HINDI SAHITYA

हिंदी आलोचना (Criticism) अलंकार मंजूषा 1916 लाला भगवानदीन काव्य कल्पद्रुम 1926 कन्हैया लाल पोद्दार रस कलश 1931 अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध साहित्य पारिजात 1940 शुकदेव बिहारी मिश्र (मिश्रबंधुओं — श्याम बिहारी मिश्र, गणेश बिहारी मिश्र, शुकदेव बिहारी मिश्र) काव्यदर्पण 1947 रामधहिन मिश्र रसज्ञ रंजन 1920 महावीर प्रसाद द्विवेदी हिंदी नवरत्न 1910 मिश्रबंधु देव और बिहारी कृष्ण बिहारी मिश्र बिहारी और देव लाला भगवानदीन

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