परिवर्तन सुमित्रानंदन पन्त सम्पूर्ण कविता व्याख्या

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‘परिवर्तन’ यह कविता 1924 में लिखी गई थी। कविता रोला छंद में रचित है। यह एक लम्बी कविता है। यह कविता ‘पल्लव’ नामक काव्य संग्रह में संकलित है। परिवर्तन कविता को समालोचकों ने एक ‘ग्रैंड महाकाव्य’ कहा है। स्वयं पंत जी ने इसे पल्लव काल की प्रतिनिधि रचना मानते हैं। परिवर्तन को कवि ने जीवन … Read more

नौका विहार एवं परिवर्तन का वस्तुनिष्ठ प्रश्न

हिन्दी वस्तुनिष्ठ प्रश्न

नौका विहार एवं परिवर्तन का वस्तुनिष्ठ प्रश्न प्रश्न 1 “माँ के उर पर शिशु सा समीप।” उक्त पंक्ति में कवि का ‘शिशु’ से तात्पर्य है– 1 नदी 2 कोक 3 द्वीप✔ 4 सर्प प्रश्न 2 नाव के पार लगते ही कवि कैसे हो जाते हैं— 1 बेहोश 2 भावुक 3 दार्शनिक✔ 4 आक्रोशित प्रश्न 3 … Read more

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