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काव्य हेतु

काव्य का तात्पर्य कवि-कर्म तथा हेतु का अर्थ है कारण।काव्य-हेतु अर्थात काव्य की रचना करने वाले कवि में ऐसी कौन सी विलक्षण शक्ति /कारण/तत्व है जिसके द्वारा वह साधारण मानव होते हुये भी असाधारण काव्य की सर्जना कर देता है।

काव्य हेतु

काव्य हेतु से तात्पर्य काव्य की उत्पत्ति का कारण है। बाबू गुलाबराय के अनुसार 'हेतु' का अभिप्राय उन साधनों सेे है, जो कवि की काव्य रचना में सहायक होते है। काव्य हेतु पर सर्वप्रथम् 'अग्निपुराण ' में विचार किया गया है।काव्य हेतु पर विभिन्न

काव्य हेतु

काव्य हेतु का तात्पर्य कवि-कर्म के कारण से है । काव्य हेतु की परिभाषा काव्य-हेतु अर्थात काव्य की रचना करने वाले कवि में ऐसी कौन सी विलक्षण शक्ति /कारण/तत्व है जिसके द्वारा वह साधारण मानव होते हुये भी असाधारण काव्य की सर्जना कर देता