प्रसाद युग के नाटककार
प्रसाद युग के नाटककार
- माखनलाल चतुर्वेदी –कृष्णार्जुन युद्ध
- वृंदावनलाल वर्मा –नापति ऊदल
- मिश्रबंधु –नेत्रोन्मीलन
- जयशंकर प्रसाद –करुणालय, सज्जन, कामना, विशाख, कल्याणी परिणय, अजातशत्रु, एक घूँट, प्रायश्चित, चंद्रगुप्त, जनमेजय का नागयज्ञ, स्कंदगुप्त, ध्रुवस्वामिनी
- हरिकृष्ण ‘प्रेमी’- स्वर्णविहान, रक्षाबंधन, साँपों की सृष्टि, पाताल विजय, शिवसाधना, स्वप्नभंग, विषपान, अमृत पुत्री, उद्धार, प्रतिशोध
- लक्ष्मीनारायण मिश्र- अशोक, संन्यासी, आधी रात, मुक्ति का रहस्य, राक्षस का मंदिर, राजयोग, सिंदूर की होली, अपराजित, चक्रव्यूह
- रामनरेश त्रिपाठी- सुभद्रा, जयंत
- प्रेमचंद- कर्बला, संग्राम, प्रेम की बेदी
- चतुरसेन शास्त्री –उत्सर्ग, अमर राठौर
- उदयशंकर भट्ट- विक्रमादित्य, विश्वामित्र, दाहर अथवा सिंध पतन, शक-विजय, मत्स्यगंधा
- सुदर्शन –अंजना, आनरेरी मजिस्ट्रेट, भाग्यचक्र
- पाण्डेय बेचन शर्मा ‘उग्र’ -चुंबन, डिक्टेटर
- सुमित्रानंदन पंत -ज्योत्स्ना, रजत शिखर, शिल्पी सौवर्ण
- मैथलीशरण गुप्त- अनघ, तिलोत्तमा, चंद्रहास
- ‘अश्क’- जय-पराजय, छठा बेटा, कैद, उड़ान, अलग-अलग रास्ते, सूखी डाली, तौलिए, पर्दा उठाओ पर्दा गिराओ, कस्बे के डिस्को क्लब का उदघाटन, भँवर, अंधी गली, पैंतरे
- विष्णु प्रभाकर –डॉक्टर, समाधि, टूटते परिवेश, अब और नहीं, लिपस्टिक की मुस्कान, नवप्रभात, रक्तचंदन, युगे युगे क्रांति
- जगदीशचंद्र माथुर –कोणार्क, शारदीया, पहला राजा, दशरथ नंदन
- धर्मवीर भारती –अंधा युग
- ‘अज्ञेय’ –उत्तरप्रियदर्शी