मोहन राकेश का साहित्यिक परिचय

मोहन राकेश एक नाट्य लेखक और उपन्यासकार हैं. जो नई कहानी’ आन्दोलन के प्रमुख साहित्यकार भी हैं.

  • ‘सारिका’  पत्रिका का सम्पादन
  • भारतेंदु हरिश्चंद्र और जयशंकर प्रसाद के बाद हिन्दी नाटक को दोबारा रंगमंच से जुड़ा।
  •  हिन्दी नाटकों को जीवन के यथार्थ से जोड़ा।
  • कथावस्तु शहरी मध्यवर्ग के जीवन पर आधारित
  • इनकी रचनाएँ स्त्री-पुरुष संबंधों में बढ़ती भावुकता की जगह बौद्‌धिकता, व्यक्ति के अकेलेपन, तनाव व असुरक्षा के भाव के यथार्थ चित्र को प्रस्तुत करता है। वस्तुत: इसे साठोत्तरी “भारतीय महानगर के मध्यवर्गीय मानस के भीतरी और बाहरी संघर्षो का यथार्थपरक दस्तावेज कहा जा सकता है”।
  • ‘आषाढ़ का एक दिन’ नाटक सन्‌ 1958 में प्रकाशित ( आधुनिक युग का प्रथम नाटक )
  • सन 1959 में ‘संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार’ से भी सम्मानित

प्रमुख रचनाएँ –

  • अंधेरे बंद कमरे, न आने वाला कल, अंतराल आदि। (उपन्यास)
  • इनसान के खंडहर, नए बादल जानवर और जानवर, एक और जिन्दगी, फौलाद का आकाश आदि। ( कहानी)
  • आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस, आधे-अधूरे आदि। (नाटक)
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