हिन्दी साहित्य के प्रमुख संस्मरण (Sansmaran)
हिन्दी साहित्य के प्रमुख संस्मरण इस प्रकार से हैं :
अनुमोदन का अंत (1905 ई०) सभा की सभ्यता (1907 ई०)- महावीर प्रसाद द्विवेदी
हरिऔध जी का संस्मरण -बालमुकुंद गुप्त
शिकार (1936 ई०) बोलती प्रतिमा (1937 ई०), भाई जगन्नाथ, प्राणों का सौदा (1939 ई०), जंगल के जीव (1949 ई०) -श्रीराम शर्मा
लाल तारा (1938 ई०), माटी की मूरतें (1946 ई०), गेहूँ और गुलाब (1950 ई०) जंजीर और दीवारें (1955 ई०), मील के पत्थर (1957 ई०)- रामवृक्ष बेनीपुरी
अतीत के चलचित्र (1941 ई०), स्मृति की रेखाएँ (1947 ई०), पथ के साथी (1956 ई०), क्षणदा (1957 ई०), स्मारिका (1971 ई०)- महादेवी वर्मा
तीस दिन : मालवीय जी के साथ (1942 ई०)– रामनरेश त्रिपाठी
हमारे आराध्य (1952 ई०) -बनारसीदास चतुर्वेदी
जिंदगी मुस्काई (1953 ई०), दीप जले शंख बजे (1959 ई०), माटी हो गई सोना (1959 ई०) -कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर’
ये और वे (1954 ई०) -जैनेंद्र
बचपन की स्मृतियाँ (1955 ई०), असहयोग के मेरे साथी (1956 ई०), जिनका मैं कृतज्ञ (1957 ई०) -राहुल सांकृत्यायन
मंटो : मेरा दुश्मन (1956 ई०), ज्यादा अपनी कम परायी (1959 ई०)- उपेन्द्रनाथ’अश्क’
वट-पीपल (1961 ई०) -रामधारीसिंह’दिनकर’
समय के पाँव (1962 ई०) –माखन लाल चतुर्वेदी
नए-पुराने झरोखे (1962 ई०)- ‘बच्चन’
दस तस्वीरें (1963 ई०), जिन्होंने जीना जाना (1971 ई०)- जगदीश चंद्र माथुर
वे दिन वे लोग (1965 ई०) -शिवपूजन सहाय
कुछ शब्द : कुछ रेखाएँ (1965 ई०) –विष्णु प्रभाकर
चेतना के बिंब (1967 ई०) -नगेंद्र
जिनके साथ जिया (1973 ई०) -अमृत लाल नागर
स्मृतिलेखा (1982 ई०)- ‘अज्ञेय’