प्रगतिवादी कवियों की महत्वपूर्ण काव्य पंक्तियाँ
प्रगतिवादी कवियों की महत्वपूर्ण काव्य पंक्तियाँ
(क) केदारनाथ अग्रवाल
(1) धूप चमकती है चाँदी की साड़ी पहने मैके में आयी बेटी की तरह मगन है।
(2) एक बीते के बराबर, यह हरा ठिगना चना बांधे मुरैठा शीश पर छोटे गुलाबी फूल का।
(3) मैंने उसको जब-जब देखा, लोहा जैसे तपते देख, गलते देखा, ढलते देख मैंने उसको गोली जैसे चलते देखा ।।
(4) आज का लेखन!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
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