नई कहानी आन्दोलन के पुरोधा जनवादी साहित्यकार राजेन्द्र यादव
(28 अगस्त 1929 – 28 अक्टूबर 2013) ने साहित्यिक मासिक पत्रिका ‘हंस’ का प्रकाशन प्रेमचन्द के जन्म दिन 31 जुलाई 1986 को शुरू किया और मृत्युपर्यन्त सम्पादन करते रहे।
उपन्यास
प्रेत बोलते है (1951)
उखड़े हुए लोग (1956)
कुलटा (1958)
सारा आकाश (1959) (‘प्रेत बोलते हैं’के नाम से 1951 में)
शह और मात(1959)
अनदेखे अनजान पुल (1963)
एक इंच मुस्कान (मन्नू भंडारी के साथ, 1963)
मंत्र-विद्ध (1967)
एक था शैलेन्द्र (2007)
कहानी-संग्रह
देवताओं की मूर्तियां (1951)
खेल-खिलौने (1953)
जहां लक्ष्मी कैद है (1957)
अभिमन्यु की आत्महत्या (1959)
छोटे-छोटे ताजमहल (1961)
किनारे से किनारे तक (1962)
टूट (1966)
चौखटे तोड़ते त्रिकोण (1987)
है ये जो आतिश गालिब (प्रेम कहानियां, 2008)
यहां तक पड़ाव-1, पड़ाव-2 (1989)
आवाज़ तेरी है (1960)साक्षात्कार
चेखव: एक इंटरव्यू
समीक्षा-निबन्ध
कहानी : स्वरूप और संवेदना (1968)प्रेमचंद की विरासत (1978)
अठारह उपन्यास (1981)
औरों के बहाने (1981)
कांटे की बात (बारह खंड, 1994)
मेरे साक्षात्कार (1994)
कहानी : अनुभव और अभिव्यक्ति (1996)
उपन्यास : स्वरूप और संवेदना (1998)
आदमी की निगाह में औरत (2001)
वे देवता नहीं हैं (2001)
मुड़-मुड़के देखता हूं (2002)
अब वे वहां नहीं रहते (2007)
जवाब दो विक्रमादित्य, (साक्षात्कार, 2007)
काश, मैं राष्ट्रद्रोही होता (2008)
संपादन
- एक दुनिया समानान्तर (1967)
- कथा-दशक : हिंदी कहानियां (1981-90),
- आत्मतर्पण(1994)
- अभी दिल्ली दूर है (1995)
- काली सुर्खियां (अश्वेत कहानी-संग्रह, 1995)
- कथा यात्रा (1967)
- अतीत होती सदी और स्त्री का भविष्य (2000)
- औरत :उत्तरकथा (2001)
- देहरी भई बिदेस : कथा जगत की बाग़ी मुस्लिम औरतें,
- हंस के शुरुआती चार साल 2008 (कहानियां),
- वह सुबह कभी तो आएगी (सांप्रदायिकता पर लेख, 2008)
- नरक ले जाने वाली लिफ्ट (2002)
नई कहानी आन्दोलन के चार प्रमुख पुरोधा–
- मोहन राकेश (जनवरी 8, 1925–1972)
- धर्मवीर भारती (25 दिसम्बर 1926 – 4 सितम्बर 1997)
- निर्मल वर्मा (अप्रेल 3, 1929 – 2005)
- राजेन्द्र यादव (28 अगस्त 1929–28 अक्टूबर 2013)