पत्र-लेखन की परिभाषा
गाँव में रहनेवाले अपने बड़े भाई, जो बहुत गुटखा खाते हैं और दिन-रात शराब के नशे में चूर रहते हैं- को पत्र लिखकर इससे होनेवाली हानियों से उन्हें आगाह करें।
सुन्दरगढ़
पानी टंकी के पास
कुशुण्डा हाउस, मध्य प्रदेश
27 जुलाई, 2012
पूज्य भैया,
सादर प्रणाम,
कल शाम दीनू चाचा आए। उन्होंने छोटू की पढ़ाई-लिखाई की प्रशंसापरक चर्चा की। मन प्रसन्न हो गया। तभी उन्होंने आपकी दिनचर्या बताई। मैं दुखों के सागर में डूब गया। उनसे पता चला कि दिन-प्रतिदिन आपकी सेहत गिरती ही चली जा रही है। और आप हैं कि कोई ध्यान ही नहीं देते।
भैया, गुटखा और शराब-दोनों स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। गुटखा खाने से मुँह और गले का कैंसर होता है। इससे जबड़े की त्वचा सिकुड़कर सड़ जाती है। मुँह से विचित्र दुर्गंध आती है और स्वर-ग्रंथि भी बेहद प्रभावित होती है। गर्भवती माँ द्वारा सेवन करने से उसके शिशु पर भी बहुत बुरा असर पड़ता है।
इसी तरह शराब भी हमारे स्वास्थ्य को ले डूबती है। आँत और किडनी का संक्रमित होना तय है इससे। आप तो जानते ही हैं कि एक गरीब की वह औकात कहाँ जो अपना इलाज भी करा सके। यदि हम खुद अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेष्ट न रहें तो फिर कौन सँभालेगा ?सुना है कि इधर लगातार आपके पेट में दर्द रहता है; भोजन नहीं पचता है। ये दोनों परेशानियाँ गुटखे और शराब के ही कारण हो रही हैं। आप इन्हें छोड़कर तो देखिए, चन्द दिनों में भले चंगे हो जाएँगे। मैं एक सप्ताह की छुट्टी लेकर आ रहा हूँ। आपको नशे पर आई विभिन्न रिपोर्टों को पढ़कर सुनाऊँगा।
विशेष, दर्शन होने पर। चाचीजी और सोनी पर ध्यान दीजिएगा।
आपका भतीजा
अंशुमान
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